आज किसी को भी आसानी से पहचानने के लिए उसका नामकरण किया जाता है। चाहे वह मनुष्य हो या फिर किसी स्थान का नाम और तो और बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन (Railway Station) के नाम भी रखे जाते हैं। ताकि यात्री आसानी से उसका नाम पता बता कर अपनी यात्रा कर सके, लेकिन आज हम कुछ ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में बात करने जा रहे हैं जिनका कोई नाम नहीं है।
इस लिस्ट में पहला नाम जिस रेलवे स्टेशन का आता है वह पश्चिम बंगाल के बर्धमान से तकरीबन 35 किलोमीटर दूर रैना और रैनागढ़ के बीच स्थित है बता दें कि दोनों गांव के नाम एक समान होने के चलते यह रेलवे स्टेशन का कोई नाम ही नहीं दिया जा सका यह रेलवे स्टेशन जहां बना है। वहां दोनों गांव की सीमा लगती है। ऐसे में दोनों गांव वालों के बीच इसके नाम को लेकर काफी विवाद हुआ।
दोनों गांव वालों के विवाद को देखते हुए रेलवे बोर्ड द्वारा भी इस गांव के रेलवे स्टेशन का कोई भी नाम नहीं दिया गया है यहां का बोर्ड आज भी खाली ही पड़ा हुआ है। बताया जाता है कि पहले स्टेशन का नाम रैनागढ़ रखा गया था। लेकिन इसकी टिकट बिल्डिंग रैना गांव में बनी थी। ऐसे में दोनों के बीच विवाद चालू हो गया और रेलवे बोर्ड ने दोनों गांव वालों के विवाद को मिटाने के लिए इस स्टेशन का कोई नाम ही नहीं दिया। इसे 2008 में बनाया गया था।
ऐसे ही एक गुमनाम रेलवे स्टेशन झारखंड में भी मौजूद है। इस रेलवे स्टेशन का नाम भी गांव वालों के विवाद के चलते गुमनाम ही रह गया है बताया जाता है कि ये स्टेशन स्टेशन रांची से टोरी लाइन पर मौजूद हैं। जिसका पहले नाम बड़कीचांपी रखा गया था। जहां साल 2011 में ट्रेन चलाई गई थी। लेकिन गांव कमले के लोग इस नाम को लेकर रेलवे बोर्ड से विवाद करना चालू किया। इसके बाद रेलवे ने इसका नाम खाली ही छोड़ दिया जो आज भी खाली ही है।