नए कृषि कानूनों से हुआ फायदा तो गदगद हो उठे किसान, 24 घंटे के अंदर हुई कंपनी पर कार्यवाही

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भारत में इन दिनों नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और कृषि संगठनों में विवाद चल रहा है। देश के कई प्रदेशों के किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं और इस कृषि आंदोलन को अपना समर्थन दे रहे हैं। भारत के कुछ भाजपा शासित प्रदेशों में नए कृषि कानून लागू किए जा चुके हैं और जिसका फायदा किसानों को मिलना शुरू हो गया है। किसानों को फायदा मिलने का यह मामला मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले का है जहां के पीड़ित किसानों को 24 घंटे के अंदर नए कृषि कानूनों से फायदा मिला है। नए किसी कानूनों से फसल को खरीदने वाली कंपनियों की मनमानी बंद हुई और किसानों की फसल को एमएसपी पर खरीद लिया गया।

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नए कृषि कानूनों के लागू होने के बाद भारत में किसानों को फायदा मिलने का यह पहला मामला है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नए किसी कानूनों को लेकर होने वाले लाभ की किसानों को बधाइयां दी। इस मामले में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ट्वीट करके किसानों को मिलने वाले फायदे का जिक्र किया और इसे किसानों के हित में लिया गया सबसे बड़ा फैसला बताया।

कृषि कानूनों के बाद देश का पहला मामला

होशंगाबाद की पिपरिया तहसील की भू खेड़ी व आस-पास के गांव की मंडियों में धान की खरीदी के लिए दिल्ली स्थित एक कंपनी फॉर्चून राइस लिमिटेड ने जून 2020 में एमएसपी पर धान खरीदने का लिखित अनुबंध किया था। अनुबंध होने के बाद फॉर्चून राइस लिमिटेड ने उच्चतम मूल्य पर धान की खरीदी प्रारंभ कर दी लेकिन धान का मूल्य ₹3000 प्रति कुंटल पहुंचने पर 9 दिसंबर को कंपनी ने खरीदी बंद कर दी। कंपनी के कर्मचारियों से खरीदी बंद कर देने के संदर्भ में बात करने की कोशिश की गई तो उनके फोन बंद मिले।

जागरूक किसान ने उठाया कदम

सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाए जा रहे जागरूकता अभियान से कई किसानों को फायदा पहुंचा है। भू खेड़ी के ऐसे ही किसान पुष्पराज पटेल और बृजेश पटेल ने 10 दिसंबर के दिन पिपरिया एसडीएम को इसकी लिखित शिकायत दी। एसडीएम को लिखित शिकायत प्राप्त हुई जिसका उन्होंने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित कृषि विभाग से विचार-विमर्श वह सलाह मशवरा किया। जब कृषि विभाग से इस संदर्भ में बात की गई तो उन्होंने कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट की धारा 14 के अंतर्गत एक समाधान बोर्ड का गठन करने की कार्यवाही बताइए। कृषि विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद भी कंपनी के अधिकारी नहीं माने और उनके खिलाफ उचित कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया।

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पिपरिया एसडीएम ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत कार्यवाही की और दिल्ली की फॉर्चून राइस लिमिटेड कंपनी को 24 घंटे के अंदर उपस्थित होने के समन जारी किए। एसडीएम के द्वारा समन जारी किए जाने के बाद फार्च्यून प्राइस लिमिटेड के डायरेक्टर तुरंत उपस्थित हुए। फार्च्यून राइस लिमिटेड के डायरेक्टर के उपस्थित होने के पश्चात कृषक अनुबंध मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 की धारा 42a के अंतर्गत एक बोर्ड का गठन किया गया जो मामले का समाधान निकालेगा। गठित किए गए बोर्ड में पिपरिया के एसडीएम और किसान प्रतिनिधियों को भी सम्मिलित किया गया।

1 दिन में हुई कार्यवाही

गठित किए गए समाधान बोर्ड की दलील हो के सामने कंपनी के डायरेक्टर अजय भालोतिया ने हार मानी और धान की खरीदी उच्चतम मूल्य पर करने की रजामंदी भी भी। कंपनी द्वारा यह भी आश्वासन दिया गया की धान का मूल्य बाजार मूल्य के बढ़ जाने पर बढ़ाया जाएगा। समाधान बोर्ड में कंपनी के डायरेक्टर अजय भालोतिया ने किसानों से ₹3000 प्रति कुंटल के मूल्य से धान खरीदने का आश्वासन दिया जिसके पश्चात एसडीएम कोर्ट ने आदेश पारित कर दिया।

किसान हुए गदगद

मोदी सरकार द्वारा बनाए गए नए कृषि कानूनों से किसानों को होने वाले फायदे का यह पहला मामला था। नए कानूनों के प्रावधानों से अब खरीदी करने वाली कंपनियों की मनमानी नहीं चलेगी और किसानों को अनुबंध के अनुसार उच्चतम बाजार मूल्य प्राप्त होगा। कृषक अभिषेक ठाकुर ने बताया कि कंपनी ने कॉन्ट्रैक्ट करने के बाद जब बाजार मूल्य बढ़ गया तो खरीदी से हाथ पीछे खींच ली है जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ कृषक अभिषेक ठाकुर ने कहा कि नए कृषि कानून किसानों के लिए फायदेमंद है और यह किसानों के लिए आशा की एक नई किरण लेकर आए हैं। अब किसान अपनी उपज को अनुबंध के अनुसार उच्चतम मूल्य पर बेच पाएंगे।


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