गाड़ी-बंगला, नौकर-चाकर के साथ मिलता है पद-प्रतिष्ठा और पैसा, जानिए कैसे बनते है ज्योति मौर्या की तरह SDM

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By Viralsandesh News Desk

Jyoti Mourya SDM
SDM Power And Salary : देश में इन दिनों एसडीएम (SDM) शब्द यानी कि उप जिला अधिकारी (Deputy District Officer) शब्द सुर्खियों में बना हुआ है। आप सभी जानते हैं कि उत्तर प्रदेश की एक महिला एसडीएम अधिकारी पिछले कई दिनों से बॉलीवुड अभिनेत्रियों की तरह सोशल मीडिया पर छाई हुई है। इन महिला अधिकारी का नाम ज्योति मौर्या (Jyoti Mourya) है जिनको लेकर हर दिन नई चर्चाएं वायरल हो रही है। कोई इनकी कहानी को फिल्मों से जोड़ रहा है तो कोई वास्तविक जीवन से जोड़ कर देख रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एसडीएम बनने के लिए क्या करना होता है कितनी सैलरी मिलती है क्या सुविधाएं मिलती है। आज हम आपको इन्हीं सब बातों से रूबरू कराते हैं।

किसे कहते है SDM ?

उप जिला अधिकारी यानी सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) एक जिले का वह अधिकारी होता है जो बिल्कुल जिला अधिकारी यानी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (DM) के बाद दूसरे नंबर का अधिकारी होता है। इनका कार्य क्षेत्र भी किसी डीएम से कम नहीं होता है इन्हें भी एक मजिस्ट्रेट के रूप में काम करने के लिए प्रशासनिक शक्तियां प्राप्त होती हैं। उप जिला अधिकारी (SDM) एक प्रशासनिक पद होता है जिसे सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (Sub-Divisional Magistrate) के नाम से भी जाना जाता है।

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कैसे बनते है SDM ?

एक जिला अधिकारी (DM) को संघ लोक सेवा आयोग की कठिन परीक्षा पास करनी होती है तो एसडीएम का चुनाव राज्य स्तरीय प्रशासनिक परीक्षा के माध्यम से होता है। प्रदेश का राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षा का आयोजन करता है जिसमें उत्तीर्ण होने पर आपको इस पद की प्राप्ति होती है। भारत में राज्य अपने-अपने स्तर पर सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन करते हैं जिन्हें पास करने पर व्यक्ति उप जिलाधिकारी बनते हैं।

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उत्तर प्रदेश, राजस्थान जैसे राज्यों में इन्हें उप जिलाधिकारी कहते हैं तो वही मध्य प्रदेश और बिहार जैसे अन्य राज्यों में इन्हें एसडीओ (Sub Divisional Officer-SDO) के नाम से भी जानते हैं। सब डिविजनल ऑफीसर बनने के लिए सबसे पहले आपको किसी भी यूनिवर्सिटी या कॉलेज से बैचलर डिग्री प्राप्त करना होगी जिसके बाद लोक सेवा आयोग की परीक्षा तीन चरणों में होगी इन तीन परीक्षाओं में पहला चरण प्री एग्जाम का वही दूसरा चरण मेन एग्जाम का और फिर अंतिम चरण इंटरव्यू का शामिल होता है।

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SDM के पावर क्या होते है

किसी भी जिले का छोटा रूप उप जिला होता है जिसके अधिकारी एसडीएम होते हैं जोकि जिला अधिकारी के अंतर्गत कार्य करते हैं। उप जिला अधिकारी 1973 की अपराधिक प्रक्रिया संहिता और अन्य कई छोटी-छोटी क्रियाकलापों के अंतर्गत एक मजिस्ट्रेट के कर्तव्यों को पूरा करते हैं। उप जिला की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए ही एसडीएम नियुक्त किए जाते हैं। उप जिलाधिकारी किसी तहसील और जिला अधिकारी दोनों के बीच की कड़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं। तहसील स्तर पर कानून व्यवस्था बनाए रखने में उप जिलाधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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SDM के कार्य क्या होते है

एक उप जिला अधिकारी को तहसील स्तर पर कई कार्य करने होते हैं जिनमें मुख्य रूप से राजस्व, चुनाव, विवाह रजिस्ट्रेशन, शस्त्र लाइसेंस, आरटीओ तथा विविध प्रकार के प्रमाण पत्र से संबंधित कार्य शामिल होते हैं। एसडीएम किसी भी जिले की तहसील के मुखिया के रूप में कार्य करते हैं इसीलिए वह सभी कार्यों के लिए उत्तरदायी होते हैं। किसी भी कार्य को बलपूर्वक कराने जैसी स्थिति या कार्य को रोकने जैसी स्थिति के निर्णय लेने का अधिकार एसडीएम को प्राप्त होता है। तहसील स्तर पर सभी कार्यालयों का जायजा करने और गलत होने पर सजा देने का अधिकार भी एसडीएम को प्राप्त होता है।

SDM की सैलरी

उप जिलाधिकारी को 56,100 रुपए से लेकर 1,77,500 रुपए तक की बेसिक सैलेरी मिलती है। उन्हें DA के रूप में 21,318 रुपए और HRA के रूप में 4488 रुपए से लेकर 15,147 रुपए तक मिलते हैं। इस हिसाब से कुल राशि रुपए 77,792 (न्यूनतम) होती है। उप जिला अधिकारी को सैलरी के अलावा सरकारी आवास, सुरक्षा गार्ड, माली, कुक, ट्रांसपोर्ट एलाउंस, टेलीफोन कनेक्शन तथा मुफ्त बिजली जैसी सुविधाएं सरकार द्वारा मुहैया कराई जाती है।

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