कभी कभी किस्मत भी क्या अजीब खेल खेल जाती है की उस वक्त ये समझ पाना भी काफी मुश्किल हो जाता है।कब,कहां और किस मोड़ पर आपकी जिंदगी की दिशा बदल जाए ये ना आपको पता होता है और ना ही किसी और व्यक्ति को। कुछ ऐसी ही घटना घटी थी शालिनी अग्निहोत्री के साथ जिसके बाद उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई।
शालिनी अग्निहोत्री हिमाचल के एक छोटे से गांव की रहने वाली लड़की है जिन्होंने आज एक कड़क आईपीएस ऑफिसर के रूप में अपनी पहचान बनाई है। शालिनी ने बताया की जब वो छोटी थी तो उनके साथ एक घटना घटित हुई जिसमे वो अपनी मां के साथ बस में कहीं जा रही थी तभी उनकी मां के पीछे बैठा एक व्यक्ति सीट पर हाथ टिका कर बैठा था।जब उनकी मां को दिक्कत होने लगी और उन्होंने उसका विरोध किया तो वो आदमी उनपर चिल्ला पड़ा और कहने लगा की क्या तुम कहीं की डीसी हो जो तुम्हारी बात मान लूं?
अपनी मां के साथ हुए ऐसे बरताव के बाद शालिनी ने उसी वक्त तय कर लिया था की अब वो एक अफसर जरूर बनकर रहेगी।शालिनी के पिता एक बस कंडक्टर है और बस कंडक्टर की बेटी के लिए इतने बड़ा सपना देखना बहुत बड़ी बात थी।लेकिन शालिनी को अपने आप पर पूर्ण विश्वास था।जब शालिनी ने यूपीएससी क्लियर कर ली थी तब उन्होंने मीडिया को दिए इंटरव्यू में बताया था कि वे स्कूल के शुरुआती दिनों में पढ़ने में इतनी अव्वल नही थी।लेकिन फिर उन्होंने जमकर मेहनत करते हुए 10 वी कक्षा में बेहतर प्रदर्शन करते हुए 92.2% मार्क्स लाई।
अपने कॉलेज की पढ़ाई शालिनी ने हिमाचल प्रदेश एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से की साथ ही वो यूपीएससी की तैयारी भी कर रही थी।लेकिन इस बारे में उन्होंने घर पर किसी को नही बताया था।क्योंकि वो नही चाहती थी की अगर वो इस परीक्षा में सफल न हो पाई तो वो अपने घरवालों को निराश कर दे।इसी डर की वजह से उन्होंने घरवालों से ये बात छुपाई थी। हां लेकिन शालिनी के परिवार ने उनका हमेशा साथ दिया है। यूपीएससी की एग्जाम देने के लिए लोग न जाने कितनी ही मन्नते करते है ना जाने कहां कहां पढ़ने के लिए रुपए भी बरबाद करते है लेकिन शालिनी ने न कोई कोचिंग ली और ना ही किसी बड़े शहर में जाकर तैयारी की उसके बावजूद अपने पहले ही प्रयास में वो 258 वी रैंक पर आकर सफल हुई और उन्हें आईपीएस के लिए चुन लिया गया।