जाने-माने फिल्म अभिनेता संजय मिश्रा हिंदी सिनेमा और छोटे पर्दे पर अपनी कलाकारी की वजह से जाने जाते हैं। संजय मिश्रा ने अभिनय के लिए नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से शिक्षा ग्रहण की है जिसका असर उनके अभिनय में साफ तौर पर दिखाई देता है। संजय मिश्रा का जन्म बिहार के दरभंगा में हुआ था और उनके पिताजी भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में कर्मचारी के रूप में काम करते थे। बचपन से ही संजय मिश्रा को पढ़ाई लिखाई में रुचि कम ही थी और इसकी बजाए वह शरारत करना ज्यादा पसंद करते थे।
संजय मिश्रा को बचपन में अपनी दादी से काफी लगाव था और वह अपना अधिकतर समय दादी के साथ ही बिताना पसंद करते थे। उनकी दादी से लगाव का एक कारण यह भी था कि उनकी दादी पटना रेडियो स्टेशन पर गाती थी और छोटी बचपन से ही संजय मिश्रा को अभिनव के प्रति एक लगाव था। इसलिए वह अपनी दादी के साथ समय बिताना पसंद करते थे। संजय मिश्रा ने हमेशा से ही साधारण सी भूमिका को अपने अभिनय के दम पर मुख्य रोल में बदला है यही वह कारण है कि उन्होंने दर्शकों की वाहवाही लूटी।
संजय मिश्रा के बॉलीवुड में अभिनय की शुरुआत साल 1995 में फिल्म ओ डार्लिंग यह है इण्डिया (Oh Darling Yeh Hai India) से हुई थी। हालांकि फिल्म संजय मिश्रा के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद तो नहीं साबित हुई लेकिन इसके बाद उन्हें एक कंपनी के लिए ऐड करने का ऑफर मिल गया। बस यही से उनकी किस्मत ने करवट ली, यह विज्ञापन 1999 वर्ल्ड कप के बीच में टीवी पर दिखाया जाता था जिसमें संजय मिश्रा ने एप्पल सिंह का किरदार निभाया था। उस समय इस ऐड ने टेलीविजन की दुनिया में संजय मिश्रा को एप्पल सिंह के नाम से मशहूर कर दिया था। यही वह समय था जो उनके जीवन में टर्निंग प्वाइंट बन कर आया।
संजय मिश्रा उन अभिनेताओं में से हैं जिन्हें शुरू से ही शादी में इंटरेस्ट कम ही रहा और हमेशा इससे दूरी बनाए रखते थे। लेकिन जिंदगी के एक मोड़ पर आकर वह समय आता है जब आप किसी हमसफर की तलाश करने लगते हैं ठीक उसी प्रकार संजय को भी अपने जीवन में उस साथी की कमी खलने लगी थी। यह वह समय था जब संजय मिश्रा के पिता का निधन हुआ था और वे काफी अकेलापन महसूस करने लगे थे।
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एक इंटरव्यू में संजय मिश्रा ने बताया कि उनकी दादी हमेशा उन्हें एक सलाह देती थी कि पहले शादी करो उसके बाद अपने साथी से प्यार करो। संजय का ऐसा मानना है कि आप जिसके साथ शादी करने जा रहे हैं वह आपके लिए उचित होगा या नहीं यह आप निश्चित नहीं कर सकते। दादी की बातों को ध्यान में रखते हुए संजय ने 28 सितंबर 2009 को किरण के साथ सात फेरे ले लिए।
बॉलीवुड में विवाह की उचित आयु 40 वर्ष देखने में आती है ठीक उसी प्रकार संजय मिश्रा जब शादी के बंधन में बंधे तब उनकी उम्र 40 थी। इस उम्र में आकर संजय के अधिकतर बाल सफेद हो चुके थे और उन्हें बालों में कलर करना बिल्कुल भी पसंद नहीं आता था। लेकिन शादी की बात चलने के बाद लड़की पक्ष ने संजय के सामने यह शर्त रखी कि उन्हें शादी में बाल काले करने ही होंगे तभी यह शादी संभव हो पाएगी। संजय बताते हैं कि लड़की पक्ष में से एक व्यक्ति ने यहां तक कह दिया था कि अगर वह बाल काले नहीं करेंगे तो हम सभी शॉर्ट्स पहन कर शादी में आएंगे।