UP की बहादुर महिला सिपाही रिंकी सिंह जिन्होंने 300 बाल श्रमिकों को कराया मुक्त, हुई तारीफ तो मिला सम्मान

Follow Us
Share on

ये कहानी एक ऐसी जांबाज महिला पुलिस की है जिसने एक ऐसा काम कर दिखाया है की इसके लिए उन्हें गवर्नर आनंदी बेन पटेल, सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारामन ने भी उन्ही सम्मानित किया है। लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 21 अगस्त को फिरोजाबाद की सिपाही को प्रशस्त्री पत्र भेंट कर सम्मान भी किया गया।

New WAP

Contable rinki singh 2

ये कहानी फिरोजाबाद की रहने वाली महिला सिपाही रिंकी सिंह (Rinki Singh) की है, जो मानव तस्करी विरोधी यूनिट (Anti Human Trafficking) में सिपाही है। इन्होंने बाल श्रमिकों के विकास के लिए उनके बचपन को सुरक्षित रखने हेतु एक अभियान छेडा हुआ है। रिंकी सिंह का खास काम ये है की इन्होंने अपनी ड्यूटी करने के साथ ही उससे बड़ी जिम्मेदारी संभाली है जिसमे इन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर कई ऐसे बच्चो को को जो ढाबे, रेस्टोरेंट या ऐसे अन्य संस्थानों पर नौकरी करते है तो उनको इसके तहत रिहा करवाया है।

Contable rinki singh 4

New WAP

महिला सिपाही रिंकी सिंह ने कहा कि अगर मन में दृढ़ निश्चय है तो कोई भी काम मुश्किल नही होता और जो लोग भी इस वीडियो को देखे रहे हैं उन सबको एक मोटिवेशन मिलेगा की कब क्या करना है। अब ये सब इन्ही की कोशिश है की मानव तस्करी विरोधी यूनिट में फिरोजाबाद से कितने भी बच्चो और भिक्षुओं को रेस्क्यू किया है जो बेहद ही बढ़िया काम है।

Contable rinki singh 3

वहीं फिरोजाबाद के एसएसपी अशोक कुमार शुक्ला का कहना है कि जो लोग यह समझते हैं कि पुलिस विभाग में महिलाएं पुरुषों के बराबर कार्य नहीं कर सकती तो वह यह भी जान लें कि अभी हुए ओलंपिक गेम में महिलाओं ने ही सबसे ज्यादा पदक जीते हैं। इसीलिए किसी भी महिला को कमजोर नहीं समझना चाहिए। रिंकी सिंह की टीम में दो महिलाएं और पांच पुरुष होते हैं, सभी एक गाड़ी में निकल जाते हैं और होटल, ढाबों, चौराहे, गैरेज में बाल श्रमिकों को खोजते है। इसलिए फ़ोर्स में किसी भी तरह से महिलाओं को पुरुषों से कम आंका नहीं जाना चाहिए।


Share on