Chandrayaan 3 Real Heroes Story : 40 दिन के सफर के बाद कल 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 ने उतरकर इतिहास रच दिया है। विक्रम लैंडर ने चांद की जमीन पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग कर ली है और इस सफलता का पूरे भारत को गर्व है।
लेकिन क्या आपको पता है कि किसके बदौलत यह कठिन मिशन मुमकिन हो पाया है। इसके पीछे 6 लोग हैं जो बिना रुके थके हारे लगातार मेहनत की है और अंतरिक्ष में तिरंगे का झंडा बुलंद कर दिखाया।
चंद्र घंटे में भारत का मूल मिशन सफल हो गया और संक्षिप्त बज के 4 मिनट पर विक्रम लैंडर ने चांद की जमीन को चूम लिया। तो आईए जानते हैं मिशन चंद्रयान के रियल हीरो की कहानी….
एस सोमनाथ इसरो चेयरमैन
चंद्रायंत्री मिशन के पीछे सबसे प्रमुख लोगों में एस सोमनाथ है इन्होंने पिछले साल इसरो का नेतृत्व संभाला था। इन्होंने इसरो के इस चंद्रयान मिशन के लिए अपना सब कुछ दाव पर लगा दिया और रात दिन मेहनत किया जिसके बदौलत आज हम चंद्रमा पर पहुंचे।
Chandrayaan-3 Mission:
Updates:The communication link is established between the Ch-3 Lander and MOX-ISTRAC, Bengaluru.
Here are the images from the Lander Horizontal Velocity Camera taken during the descent. #Chandrayaan_3#Ch3 pic.twitter.com/ctjpxZmbom
— ISRO (@isro) August 23, 2023
पी वीरमुथुवेल, चंद्रयान-3 के परियोजना निदेशक
चंद्रयान-3 के परियोजना निर्देश शक्ति वीर मुथुवेल ने 2019 में इसरो का कार्यभार संभाला था। चंद्रयान-2 में भी इन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और यह तमिलनाडु के रहने वाले हैं। इन्होंने रात दिन मेहनत करके चंद्रयान-3 को सफलता दिलाई।
एस उन्नीकृष्णन नायर, इसरो के केंद्र निर्देशक
विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में एस उन्नीकृष्णन नायर और उनकी टीम ने भी बहुत योगदान दिया है। बता दे कि डॉक्टर उन्नीकृष्णन पेसे से एक ऐरो स्पेस इंजीनियर है और उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान से पढ़ाई की है।
एम शंकरण यू आर राव सैटलाइट सेंटर के निर्देश
शंकरण ने भी काफी मेहनत की है इन्होंने यू आर राव सैटलाइट सेंटर का कार्यभार 2021 में।इसकी टीम ने इसरो के चंद्रयान मिशन में काफी मेहनत की है। एम संकरण के नेतृत्व में टीम ने उपग्रह विकसित करती है जो कि संचार मौसम पूर्वानुमान रिमोट सेंसिंग।
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मोहना कुमार मिशन निदेशक
इस मोहना कुमार चंद्रयान 3 में काफी मेहनत की है। यह इसरो की श्रेष्ठ वैज्ञानिक है। उन्होंने चंद्रयान-3 मिशन में काफी मेहनत किया और उनके मिशन का नतीजा है कि आज चंद्रयान-3 चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर चुका है।