चार दशकों से बॉलीवुड में अपनी कलाकारी से लोगों का मनोरंजन कर रहे जॉनी लीवर को सभी जानते हैं। पिछले कई वर्षों से जॉनी लीवर का अभिनय अपनी ऊंचाइयों पर रहा है जिसकी वजह से उन्हें कई फिल्मों में अपनी कॉमेडी दिखाने का मौका मिलता है। इतनी फिल्मों में काम करने के कारण जॉनी लीवर की दिनचर्या काफी व्यस्त रहती है जिसकी वजह से वह कई महीनों तक अपने परिवार से दूर रहते हैं। परिवार के बीच अपनी गैरमौजूदगी को दूर करने के लिए जॉनी लीवर जब भी अपने परिवार से मिलते हैं उनके लिए बहुत सारे तोहफे लेकर जाते हैं।
डिजिटल युग का सबसे अधिक फायदा आज बॉलीवुड द्वारा उठाया जा रहा है। कई कलाकारों को सोशल मीडिया के माध्यम से पहचान मिली है और उन्होंने सफलता के नए आयाम प्राप्त किए है। ऐसे समय में जॉनी लीवर की बेटी और बेटा इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव है और समय-समय पर अपने वीडियो शेयर करते रहते हैं। सोशल मीडिया पर कुछ दिनों पहले ही जॉनी लीवर और उनके बच्चों का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने कोरोना को लेकर मजाकिया अंदाज में जानकारी दी थी। जॉनी लीवर की अपने दोनों बच्चों के साथ जुड़ाव काफी अच्छा है जो कि उनके वीडियो में साफ दिखाई देती है।
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जॉनी लीवर की बेटी जैमी लीवर ने एक न्यूज़ चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में बताया कि उनके स्कूल के समय में उनके पापा उनके साथ बिल्कुल भी नहीं थे। 90 का दशक पापा के कैरियर का सबसे व्यस्ततम समय था। जैमी बताती है 90 के दशक में पापा ने इतनी फिल्में की है कि उन्हें गिन पाना या याद रख पाना नामुमकिन है। जैमी ने बताया कि उस समय में उनके पापा एक साथ कई फिल्मों के लिए काम कर रहे होते थे तो उनके पास अपने परिवार के लिए समय कैसे हो पाता। जेमी ने बताया कि कभी किसी महीने में एक बार पापा से मुलाकात हो पाती थी और अपनी मुलाकात में पापा हमारे लिए कई सारे तोहफे लेकर आते थे।
जैमी ने बताया कि आप लोगों की तरह ही मैंने भी मेरे पापा को उस समय पर्दे पर ही ज्यादा देखा था। जेमी ने बताया कि जब उन्होंने अपना स्कूलिंग पूरा किया और कॉलेज की पढ़ाई शुरू की तो उनके पापा ने कुछ चुनिंदा फिल्मों में ही काम करना शुरू कर दिया था। मस्ती भरे अंदाज में जैमी ने बताया कि कम फिल्मों में काम करने के कारण पापा कई बार घर पर होते थे और उनके ऊपर नजर रख रहे होते थे।
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जैमी ने बताया कि उस समय पापा मुझसे कई तरह के सवाल पूछते थे जैसे कहां जा रहे हो, कब तक आओगे, किससे बात कर रहे हो। लेकिन अचानक से इस तरह के सवालों का सामना करने के कारण मुझे बहुत असहनीय महसूस होने लगा था। जैमी ने कहा कि पापा के व्यस्तता के दौर में यह सारे सवाल माँ के होते थे, लेकिन अब यह सारे सवाल पापा के क्यों हो गए हैं। जैमी ने इसकी शिकायत अपनी मम्मी से भी की थी कि पापा हमें क्यों अनुशासन सिखा रहे हैं। जैमी ने यह भी कहा कि उस समय अपनी कॉमेडी से सभी को हंसाने वाला अभिनेता हमारे लिए तो एक हिटलर के समान था।
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जैमी ने बताया कि जैसे-जैसे वह बड़ी हुई पापा से उनका सामंजस्य बेहतर होता गया और अब दोनों के बीच कलाकार से कलाकार वाला रिश्ता बन गया है। जैमी ने कहा कि अब मैं उनकी बेटी होने से पहले उनकी बहुत बड़ी फैन हूं। पिछले 1 साल से लॉक डाउन होने के कारण अब हमारे घर पर ही मास्टर क्लास चलती रहती है और बतौर सीनियर कलाकार उनके पापा अपने अनुभव हमारे साथ साझा करते रहते हैं।
जॉनी लीवर की बेटी जेमी ने बताया कि उनके पापा बहुत शांत स्वभाव के हैं लेकिन उनका मिजाज बहुत सख्त है। जैमी बताती है कि उनके पापा अपना जीवन अनुशासन के साथ जीना पसंद करते हैं इसलिए वह हर जिम्मेदारी को समय का ध्यान रखते हुए करते हैं। जैमी ने बताया कि उनके पापा को पढ़ने का बहुत शौक है कई बार वह उनके साथ पढ़ने बैठ जाते हैं। जेमी कहती है कि मैं आज भी कई बार सहम जाती हूं जब अचानक से पापा का मुझे कॉल आता है। पापा का कॉल आने के बाद मेरे चेहरे का रंग ही बदल जाता है जिसे देखकर कोई भी है समझ जाएगा कि मेरे पापा का फोन है।
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अपने करियर को लेकर बात करते हुए जैमी ने बताया कि उनके पापा नहीं चाहते थे कि वह इंडस्ट्री में काम करें। पापा का हमेशा से यह सपना था कि हम दोनों भाई बहन पढ़ाई करें और अपने जीवन में कहीं अच्छी नौकरी करें। जैमी ने बताया कि जब उनकी लंदन में नौकरी लगी थी उस समय पापा बहुत खुश हुए थे और उन्हें लगने लगा था कि अब मैं लंदन में ही किसी अंग्रेज के साथ शादी करके वही बस जाऊंगी। जैमी ने बताया कि उनके पापा ने इस इंडस्ट्री को बहुत करीब से देखा है इसलिए वह नहीं चाहते हैं कि मैं यहां के संघर्ष में अपनी जिंदगी को उलझा कर रख दूं।
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जैमी ने बताया कि उन्होंने लंदन में एक साल तक मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव ऑफ सेल्स की नौकरी की थी लेकिन बाद में उन्हें लगा कि वह नौकरी के लिए नहीं बनी है। यही कारण था कि मैं लंदन में सब कुछ छोड़ कर पापा के पास मुंबई आ गई। जब मैंने पापा को अपना यहां फैसला सुनाया तो पहले तो वह हैरान रह गए लेकिन उन्हें मेरे इरादे पर विश्वास हुआ तो उन्होंने मेरे फैसले का समर्थन किया। जैमी ने बताया कि उन्हें उनके पहले शोर से पांच हजार रुपये प्राप्त हुए थे और उन्होंने उस पैसे को चैरिटी में दे दिया था।