बॉलीवुड अभिनेता जैकी श्रॉफ ने अपने अभिनय से और अपनी दरियादिली से एक अलग ही पहचान बनाई है। जैकी श्रॉफ बॉलीवुड के लोगों के दिलों में राज तो करते ही हैं घर पर काम करने वाले कर्मचारियों के दिल में भी उनके लिए एक विशेष सम्मान है। कुछ दिनों पहले ही घर पर काम करने वाली कर्मचारी दीपाली तुपे (Deepali Tupe) की दादी का निधन हो गया था। बरसों से काम करने वाली दीपाली की दादी के निधन की खबर जैसे ही जैकी श्रॉफ को पता चले वह उनके घर पहुंचे और परिवार हो हिम्मत बंधाई।
दीपाली का घर पुणे के मावल तहसील के पवनानगर में है जहां जैकी श्रॉफ पहुंचे और दुखी परिवार को हिम्मत बंधाई। दीपाली तुपे जोकि जैकी श्रॉफ के घर पर काम करती है उनकी दादी तन्हा भाई ठाकरे का 100 वर्ष की उम्र में गुरुवार को निधन हो गया था। दीपाली को जैसे ही सूचना मिली वह टैक्सी करके पुणे रवाना हो गई थी। हम सभी जैकी श्रॉफ की दरियादिली से वाकिफ है। जब दीपाली की दादी के निधन की खबर जैकी श्रॉफ को पता चली तो वह शुक्रवार की शाम दीपाली के मार्वल स्थित घर पहुंचे।
अपने व्यवहार के अनुरूप ही जैकी श्रॉफ जब दीपाली के घर पहुंचे तो परिवार को सांत्वना बनाने के लिए फर्श पर ही परिवार के साथ बैठ गए। जैकी श्रॉफ में 1 घंटे का समय परिवार के बीच ही बिताया और पूरे परिवार को सांत्वना भी दी।
चंदखेड़ में है जग्गू दादा का बंगला
आप सभी को बता दें कि मावल के चंदखेड़ में जैकी श्रॉफ का एक बंगला है और वह यहां अक्सर समय बिताने के लिए आते रहते हैं। चंदखेड़ के ग्रामीणों ने बताया कि जग्गू दादा अक्सर यहां आते रहते हैं और उन्होंने चंदखेड़ के लोगों की कई बार मदद भी की है। चंदखेड़ के लोगों ने यह भी बताया कि जैकी श्रॉफ दिल के बहुत अच्छे हैं और हमेशा मदद के लिए तैयार रहते हैं।
जैकी श्रॉफ की दरियादिली का यह कोई पहला मौका नहीं है इसके पहले भी उनकी दरियादिली देखने को मिली है। कुछ समय पहले द कपिल शर्मा शो में अर्चना पूरन सिंह ने भी जैकी श्रॉफ के किए दरियादिली के किस्से सुनाये थे।
अर्चना ने बताया कि अपने कैरियर के शुरुआती दिनों में जब जैकी श्रॉफ स्ट्रगल कर रहे थे और उनके पास पैसे नहीं होते थे तो वह मुझ से उधार लेकर रास्ते में दिखे भिखारी को पैसे दे देते थे। हालांकि जैकी श्रॉफ कहते भी थे कि जैसे ही मेरे पास पैसे होंगे मैं तुम्हें लौटा दूंगा। जैकी श्रॉफ के बारे में बताया जाता है कि जहां वह रहते थे तीन बत्ती चाल वहां के लोगों के लिए वह आज भी मदद के लिए तैयार रहते हैं और एक फोन पर दौड़े चले जाते हैं।