फिल्मी दुनिया के जाने-माने विलेन और जरूरतमंद लोगों के मसीहा सोनू सूद आज किसी की पहचान के मोहताज नहीं है उन्होंने जितनी दमदारी स्क्रीन पर अपनी अदाकारी से दिखाई है उससे कई ज्यादा उन्होंने रियल लाइफ में लोगों की मदद करते हुए दिखाइए। कोरोना से पहले एक अभिनेता के तौर पर जाने जाने वाले सोनू सूद पिछले 1 साल से निरंतर जरूरतमंद लोगों की सेवा कर रहे हैं यही कारण है कि उन्होंने आज लोगों के बीच में एक अभिनेता से ज्यादा मसीहा की पहचान बना ली है।
अभिनेता सोनू सूद आज अपना 48 वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं आज हम उनके जन्मदिन के मौके पर उनके जीवन से जुड़ी कुछ ऐसी बातें उसे आपको अवगत कराने जा रहे हैं जिसे शायद आप आज तक अनजान रहे होंगे। लोगों की सेवा कर आज अपना इंडस्ट्री से हटकर बड़ा नाम कमाने वाले सोनू सूद के लिए यहां तक पहुंचना कभी भी आसान नहीं रहा उन्होंने अपने जीवन में कई बड़े संघर्ष की है तब जाकर उन्हें बॉलीवुड इंडस्ट्री और साउथ इंडियन फिल्मों में ब्रेक मिल पाया।
सोनू सूद का जन्म पंजाब के मोगा में हुआ। अभिनेता को बचपन से कलाकारी का शौक नहीं था इसके लिए उन्होंने पंजाब से अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद, नागपुर के कॉलेज से इंजीनियरिंग कर ली अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी पूरी करने के बाद उन्होंने कुछ करने का सोचा इसलिए उन्होंने सबसे पहले छोटा मोटा बिजनेस चालू किया लेकिन वे इसमें सफल नहीं रह सके क्योंकि उनकी किस्मत में उन्हें और भी कुछ करवाना लिखा था।
बाद में अभिनेता ने मायानगरी मुंबई की और अपना रुख कर लिया। अभिनेता के साथ बड़ी बात कह रही थी उनके किसी भी काम को उनकी मां का योगदान उन्हें मिला करता था उनकी मां ने ही उन्हें मुंबई जाने के लिए प्रेरित किया और कहा कि जाओ अपने सपनों को पूरा करो मां की इस बात को सुनते हैं सोनू सूद अंदर से काफी ऊर्जावान बन गए और मन में हजारों सपने लिए माया नगरी मुंबई की और निकल गए। लेकिन उनकी लाइफ में असली स्ट्रगल तो यहां पर चालू हुआ।
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सोनू सूद एक मिडिल क्लास फैमिली से आते हैं तो उनके पास इतना भी पैसा नहीं था कि वह मायानगरी मुंबई हाथों से कुछ बिजनेस कर सके खबरों की माने तो जब सोनू सूद मुंबई पहुंचे तो उनके पास इतने पैसे भी नहीं बचे थे कि वह आगे कुछ बड़ा सोच सके उन्होंने अपनी जेब टटोली तो केवल 5.50 रूपए उनकी जेब में मौजूद थे। वे दिन-रात काम की तलाश में फिल्म सिटी में घुमा करते थे लेकिन किसी भी निर्देशक की निगाह उनके ऊपर नहीं दे जिसके चलते उन्हें काफी समय तक परेशानियों का सामना करना पड़ा।
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ज्यादा पैसे ना होने के कारण सोनू सूद को एक कमरे में कई लोगों के साथ अपने दिन गुजारने पड़े थे अपने शुरुआती दिनों में वे लोकल ट्रेन से आना-जाना किया करते थे। लेकिन अपने जीवन में काफी स्ट्रगल कर रहे सोनू सूद को जिस दिन की तलाश थी वह उन्हें साल 1999 में मिला जब उन्हें साउथ इंडस्ट्री में पहली बार काम करने का मौका मिला। उनकी पहली फिल्म तेलुगू में कल्लाजगार थी। जिसने उन्हें इंडस्ट्री में पहचान दिलाई। इसके बाद सोनू सूद का फिल्मी सफर चालू हो गया और साल 2001 में बॉलीवुड में भी उन्हें काम करने का मौका मिल गया।
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हिंदी सिनेमा में उन्होंने फिल्म शहीद-ए-आजम से अपने कदम रखें, लेकिन इस फिल्म की बड़ी बात यह थी कि उन्होंने अपनी पहली फिल्म में ही भगत सिंह का किरदार निभाया था। यहां से सोनू सूद ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और मैं अपने अब तक के करियर में अनगिनत फिल्मों में काम कर चुके हैं इतना ही नहीं इस स्क्रीन पर उन्होंने हर तरह के रोल निभाए हैं लेकिन उन्हें ज्यादातर हिंदी सिनेमा के बड़े विलेन के रूप में देखा जाता है।
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सोनू सूद के पारिवारिक जीवन की बात की जाए तो उन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड सोनाली से साल 1996 में शादी कर ली बता दे कि दोनों की मुलाकात नागपुर में इंजीनियरिंग के दौरान हुई थी लेकिन दोनों के रिश्ते की बड़ी बात यह है कि जहां एक और सोनू सूद इंडस्ट्री के जाने-माने कलाकार है तो वहीं दूसरी और उनकी पत्नी सोनाली भी खूबसूरती में किसी अभिनेत्री से कम नहीं फिर भी वह लाइमलाइट से दूर रहना काफी ज्यादा पसंद करती है।