राम मंदिर पर फैसला सुनाने वाले पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई बन सकते हैं CM उम्मीदवार

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गुवाहाटी। असम के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेसी नेता तरुण गोगोई ने दावा किया है कि देश के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई राज्य में बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बना सकती है। असम में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

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गोगोई ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा, ‘मुझे अपने सूत्रों से जानकारी मिली है कि रंजन गोगोई का नाम बीजेपी की मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारों की लिस्ट में है।

क्या बोले तरुण गोगोई

गोगोई ने कहा, ‘मुझे लगता है कि उन्हें असम का अगला मुख्यमंत्री उम्मीदवार प्रोजेक्ट किया जा सकता है।’ उन्होंने आगे कहा कि अगर पूर्व चीफ जस्टिस राज्यसभा जा सकते हैं तो वह बीजेपी के मुख्यमंत्री कैंडिडेट के लिए भी सहमत हो सकते हैं।

गोगोई ने कहा, ‘सब राजनीति है। अयोध्या राम मंदिर केस में आए फैसले से बीजेपी रंजन गोगोई से खुश थी। ऐसे में राज्यसभा जाना स्वीकार करके वह धीरे से राजनीति में प्रवेश कर गए। उन्होंने राज्यसभा सदस्यता के लिए मना क्यों नहीं किया? वह बड़ी आसानी से मानवाधिकार आयोग या अन्य अधिकार संगठनों के चेयरमैन हो सकते हैं लेकिन उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं हैं और इसीलिए उन्होंने राज्यसभा की कुर्सी स्वीकार की।’

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कोई चेहरा नहीं उतारेगी कांग्रेस

पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने घोषणा की है कि वह असम में कांग्रेस पार्टी के अगले सीएम प्रत्याशी बनने नहीं जा रहे हैं। वह बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए एक ‘महागठबंधन’ बनाने की वकालत कर रहे हैं, जिसमें बदरुद्दीन अजमल की ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रैटिक फ्रंट (AIUDF), लेफ्ट और क्षेत्रीय पार्टियां एकसाथ आएं।

गोगोई ने आगे कहा, ‘मैं राज्य का मुख्यमंत्री नहीं बनने जा रहा। मैं एक सलाहकार के तौर पर काम करना ज्यादा पसंद करूंगा। कांग्रेस में कई योग्य उम्मीदवार हैं, जो यह दायित्व ले सकते हैं।’ हालांकि कांग्रेस के ही कई बड़े नेता गठबंधन बनाने की कोशिश का विरोध कर रहे हैं।


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