चुलबुली दादी जोहरा सहगल की अंतिम इच्छा ने सभी को किया था अचंभित, पढ़े यह खास रिपोर्ट

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बॉलीवुड में कई सितारे आए और अपनी प्रतिभा दिखा कर चले गए। कई ने बड़ा मुकाम हासिल किया तो कई कुछ समय ही इस इंडस्ट्री में टिक पाए। लेकिन कई ऐसे भी जिन्होंने अपना पूरा जीवन ही बॉलीवुड के नाम कर दिया। ऐसे कई कलाकार है। जो अब इस दुनिया में नहीं है। लेकिन उन्होंने हिंदी सिनेमा में अपना अहम योगदान दिया।

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ऐसा ही एक नाम है जोहरा सहगल का जिन्होंने कपूर खानदान की चार पीढ़ियों संग काम किया। इतना लंबा काम करने वाली वह पहली अभिनेत्री थी। उन्होंने पृथ्वीराज कपूर से लेकर रणबीर कपूर तक सभी के साथ स्क्रीन शेयर की थी। आपकी जानकारी के लिए बात दें कि जोहरा सहगल जन्म 27 अप्रैल 1912 को सहारनपुर में ढोली खाल के पास मोहल्ला दाऊद सराय में एक पठान मुस्लिम परिवार में हुआ था।

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जोहरा सहगल का परिणाम उत्तरप्रदेश के रामपुर का रहने वाला था। वहीं उन्हें बचपन में साहेबजादी जोहरा बेगम मुमताज उल्ला खान के नाम से भी जाना जाता था। उनके पिता का नाम मुमताज उल्ला खान था। अभिनेत्री अपनी परिवार की तीसरे नंबर की बेटी थी। वे 7 बहन भाई थे। जोहरा सहगल को जन्म के बाद से ही डांस और नाटक में बहुत ज्यादा रुचि थी। वहीं इसी रुचि के चलते उन्होंने बॉलीवुड में अपनी एंट्री मार दी। और कई रिकॉर्ड अपने नाम करने में सफल रही।

14 साल तक किया डांस और नाटक

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दरअसल, अभिनेत्री ने 14 साल की उम्र तक नाटक और डांस में अपना हुनर आजमाया इसके बाद उन्होंने बॉलीवुड में कदम रख दिए। और अपनी जवानी से लेकर बुढ़ापे तक बॉलीवुड फिल्मों मे नजर आती रही। बता दें कि जोहरा सहगल एक मात्र ऐसी अभिनेत्री थीं। जिन्होने कई बड़े सुपरस्टार के साथ अभिनय किया। जिनमें सुपरस्टार पृथ्वीराज कपूर और अमिताभ बच्चन का नाम भी शामिल हैं।

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जर्मनी के स्कूल में एडमिशन लेने वाली पहली महिला

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फिल्मों के अलावा जोहर के नाम और भी कई बड़ी उपलब्धियां शामिल हैं। वे जर्मनी के मैरी विगमैन बैले स्कूल में एडमीशन लेने वाली पहली भारतीय महिला थीं। यहीं से उन्होंने अपने डांस को बेहतर बनाने की प्रैक्टिस की उन्होंने यह लगभग 3 साल तक डांस सीखा। इस दौरान ही अभिनेत्री की मुलाकात भारत के फेमस डांसर उदय शंकर से हुई। वे ज़ोहरा की नृत्य मे रुचि देख प्रभावित हुए और कहा की उनके लिए काम देखेंगे। ज़ोहरा ने एक्टिंग की ट्रेनिंग ब्रिटेन से ली थीं।

साल 1995 में की पहली फिल्म

इसके बाद उन्होंने साल 1945 में पृथ्वी थिएटर ज्वाइन कर लिया। यहां उन्हें 400 रुपए महीने की सेलरी मिलती थी। इसके अलावा वे इप्टा की एक्टिव मेम्बर भी थीं। इप्टा ने जब ‘धरती के लाल’ (1946) नाम की अपनी पहली फिल्म बनाई तो ज़ोहरा उसमे हीरोइन बन गई। इसके बाद उन्होंने हिंदी सिनेमा में अपने कदम रख दिया। और एक के बाद एक कई फिल्मों में काम किया।

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अपनी पहली फिल्म के बाद इसके बाद जोहर को इप्टा की बदौलत उन्हें चेतन आनंद की ‘नीचा नगर’ में भी काम करने का अवसर मिला। यह फिल्म कान्स फिल्म फेस्टिवल के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार पाल्मे डी जीतने वाली पहली इंडियन फिल्म थी।

फिल्मों के अलावा कई शोज में किया काम

मशहूर अभिनेत्री जोहरा सहगल में कोई खामी नहीं थी। उनके अंदर टेलेंट कूट कूट कर भरा हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में एक्टिंग डांसिंग के अलावा भी कई काम किए। बता दें कि उन्होंने हिन्दी फिल्मों के अलावा वे ब्रिटिश फिल्मों और टीवी शोज में भी नजर आई। इतना नहीं नहीं वे एक अच्छी कोरियोग्राफर भी थी।

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उन्होने ‘बाजी’, ‘सीआईडी’, ‘आवारा’ और ‘नौ दो ग्यारह’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में कोरियोग्राफी की थी। उन्होने ‘एन इवनिंग विद जोहरा’ नाम का एक पाकिस्तानी शो भी किया। हम दिल दे चुके सनम, वीर जारा, सांवरिया और चीनी कम में उनके अभिनय ने सबका दिल जीत लिया।

अभिनेत्री को साल 1998 में पद्मश्री से नवाजा गया

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वहीं अपनी इसी काबिलियत के दम पर ज़ोहरा सहगल को कई अवार्ड्स से नवाजा गया। उन्हें साल 1998 में पद्मश्री, 2001 में कालीदास सम्मान, 2004 में संगीत नाटक अकादमी सम्मान, 2010 में पद्म विभूषण इत्यादि। इसके अलावा संगीत नाटक अकादमी की तरफ से उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड के तौर पर अपनी फेलोशिप मिली थी।

102 वर्ष की उम्र दुनिया को कहा अलविदा

इतना ही नहीं इसके अलावा अभिनेत्री को यूएनपीएफ (संयुक्त राष्ट्र के आबादी फंड) द्वारा शुरू लाडली अवार्ड्स में उन्हें सदी की लाडली के अवॉर्ड से नवाजा गया। लेकिन इस मशहूर अदाकारा ने 10 जुलाई 2014 को दिल का दौरा पड़ने के बाद 102 वर्ष की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उन्होंने अपने पूरे जीवन में कई बड़ी फिल्में की बहुत बड़ा नाम कमाया। लेकिन उनकी अंतिम इच्छा थी कि निधन के बाद मुझे जलाया जाए और मेरी राख़ को फ्लश कर दिया जाए।


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