इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी में हुआ बड़ा ऐलान जून के बाद नहीं खरीद पाएंगे पेट्रोल बाइक, डीलर्स में हड़कंप

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Electric Vehicles Policy: भारत में इन दिनों इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है और हो भी क्यों ना कंपनियां नए-नए मॉडल और फीचर के साथ अपने वाहन मार्केट में उतार रही है। एक और जहां सरकार ईवी वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी देती है वही वायु प्रदूषण भी इलेक्ट्रिक वाहनों के पसंद किए जाने का मुख्य कारण है। पूरे भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में धीरे-धीरे बढ़ोतरी देखी जा रही है ऐसे में कई जगहों पर इलेक्ट्रिक वाहन संबंधी नीतियां भी लागू की गई है।

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वर्तमान में भारत के नौ राज्यों चंडीगढ़, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, दिल्ली, महाराष्ट्र, मेघालय, लद्दाख में इलेक्ट्रिक वाहन नीति अनिवार्य रूप से लागू है। जिसके अनुसार पेट्रोल से चलने वाली बाइकों की बिक्री संख्या को निश्चित कर दिया गया है। साधारण भाषा में कहे तो चंडीगढ़ में इलेक्ट्रिक वाहन नीति के अनुसार वर्ष 2023-24 का जो लक्ष्य था वह जून में पूरा हो रहा है। जिसके बाद चंडीगढ़ में पेट्रोल से चलने वाली बाइक का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा यहां पर केवल इलेक्ट्रिक बाइक का ही रजिस्ट्रेशन होगा। चंडीगढ़ यूटी प्रशासन के इस फैसले से वाहन डीलरों में भय का माहौल है और उनका कहना है कि इस कदम से लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे और हमें अपने शोरूम बंद करना पड़ेंगे।

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क्या है इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति

चंडीगढ़ की ईवी नीति के अनुसार वर्ष 2023-24 के लिए शहर में 6200 पेट्रोल बाइक ही रजिस्टर्ड हो सकती थी जिसके बाद बिकने वाली पेट्रोल बाइक का रजिस्ट्रेशन चंडीगढ़ में नहीं होगा। सिर्फ 45 दिनों में ही 3700 पेट्रोल बाइक का रजिस्ट्रेशन हो चुका है ऐसे में अब सिर्फ 2500 पेट्रोल बाइक का रजिस्ट्रेशन ही हो पाएगा। इसलिए नई पेट्रोल बाइक खरीदने वाले भी इलेक्ट्रिक बाइक खरीदने का मन बना रहे हैं जिससे दोपहिया वाहन डीलरों में भय का माहौल है।

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चंडीगढ़ प्रशासन के इस फैसले को लेकर दो पहिया वाहन डीलरों के सामने अपने शोरूम चलाने का संकट खड़ा हो गया है। जब रजिस्ट्रेशन की संख्या तय हो गई है तो अब नई पेट्रोल बाइक की खरीदी में गिरावट आएगी और हमें धीरे-धीरे शोरूम भी बंद करना पड़ सकते हैं। डीलरों ने यह भी कहा कि इस तरह तो हजारों लोग बेरोजगार हो जाएंगे जबकि अभी तक लोग ईवी बाइक को लेकर पूर्ण रूप से संतुष्ट नहीं है। डीलर्स ने यह भी कहा कि पिछले वर्ष चंडीगढ़ शहर में कुल 21000 दो पहिया वाहन बिके हैं जिसमें से 19500 पेट्रोल बाइक थी जिसके मुकाबले इलेक्ट्रिक बाइक मात्र 1500 से ही बिक पाई थी। प्रशासन के यूं अचानक पेट्रोल टू व्हीलर के रजिस्ट्रेशन को बंद करना डीलरों के लिए एक भारी नुकसान है।


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