आखिर क्यों अयोध्या मामले में मध्यस्थता के लिए लिया गया था शाहरुख खान का नाम, रोचक है किस्सा!

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बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाले कलाकारों की फैंस के बीच में अपनी एक अलग इमेज होती है लेकिन कई कलाकार ऐसे भी हैं जो बॉलीवुड से हटकर भी लोगों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं होते और जनता भी उनके द्वारा कही जाने वाली बातों को सीरियस भी लेती है और उनका कहना भी मानती है।

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हमने अक्सर देखा है कि कई राजनीतिक दल चुनाव के समय इन बड़े कलाकारों का उपयोग अपनी पार्टी के लिए वोट मांगने के लिए करवाते हैं। जिससे वे अपनी पार्टी के लिए लोगों का ज्यादा से ज्यादा ध्यान अपनी और आकर्षित कर सके। क्योंकि एक विशेष चेहरे का लोगों के ऊपर कुछ ज्यादा ही अच्छा प्रभाव पड़ता है।

bollywood in politics

क्योंकि हर देश में चेहरा ही सबसे बड़ी चीज है। चाहे वह राजनेता हो या फिर कोई बड़ा कलाकार फैंस के बीच यदि उनकी अच्छी इमेज है। तो जनता भी उनकी बातों का पूरी तरीके से समर्थन करती है। आज हम एक ऐसा ही किस्सा आपको बताने जा रहे हैं। जिसमें बॉलीवुड किंग खान शाहरुख अहम भूमिका निभाने वाले थे।

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शाहरुख़ खान को चुना था अयोध्या मामले के लिए

दरअसल, देश में सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाला मामला अयोध्या राम मंदिर का का था। जो अब पूरी तरीके से सुलझ गया है और वहां पर राम मंदिर निर्माण का कार्य भी चालू कर दिया गया है। वहीं मस्जिद के लिए भी अलग से जगह कोर्ट द्वारा दे दी गई है। लेकिन इतने सालों तक चले इस मामले में अंतिम समय पर कोई ना कोई बाधा आ जाती थी इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के जजों द्वारा मध्यस्थता के लिए शाहरुख खान का नाम चुना गया था।

ayodhya after decision

इसके लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा शाहरुख खान को न्योता दिया गया था। बता दे कि इस फैसले को लेकर कोर्ट का मानना था कि जनता के बीच शाहरुख खान की अच्छी इमेज और वे अभिनेता का कहना भी मानती है तो कोर्ट का यही मानना था कि किसी अच्छे चेहरे द्वारा जब जनता से अपील की जाएगी तो या केस आसानी से सुलझ पाएगा।

CJI Bobde

इस बात का खुलासा विकास सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे की फेयरवेल में किया था। ये फेयरवेल कोरोना की वजह से वर्चुअल रखी गई थी। दरअसल, बॉलीवुड हंगामा की रिपोर्ट के मुताबिक जब इस वर्चुअल मीटिंग को किया गया था। उस दौरान विकास सिंह ने बताया था, कि 2019 में जब सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मसले पर फैसला दिया था तो उससे पहले जस्टिस बोबडे चाहते थे इसमें कई नामी हस्तियों का नाम भी शामिल किया जाए ताकि लोगों को उनकी बातों का अच्छा प्रभाव पड़े।


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