बॉलीवुड को मानो तो सपनों का मुकाम भी कहना गलत नहीं होगा । जिसके लिए हजारों लोग सतत प्रयास करते हैं। ताकि वे बॉलीवुड में कुछ मुकाम हाशिल कर सके लेकिन सपने जिस तरह पूरे होते हैं। उसी तरह टूट भी जाते हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण रानू मंडल को कह सकते हैं।
वो कहते है ना चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात जी हां ऐसा ही रानू मंडल की जिंदगी में हुआ है वो रानू मंडल जो कभी कोलकाता के रेलवे स्टेशन पर अपनी आवाज से लोगों का मनोरंजन किया करती थीं । फिर रानू मंडल की जिंदगी में ऐसा मोड़ आया कि वहां सड़क से महल तक पहुँच गई थी , लेकिन रानू मंडल की किस्मत फिर बदल गई और वहां महल से फिर सड़क तक पहुँच गई जैसे रानू की जिंदगी में फिर से अंधेरा छा गया।
कुछ सेकेंड का वीडियो वायरल होने के बाद रानू मंडल (Ranu Mondal) की ऐसी किस्मत बदली कि वह मशहूर हस्ती बन गईं। रानू की आवाज के लोग मुरीद हो गए और लगातार उनके प्रशंसकों की संख्या बढ़ती गई। लेकिन एक प्यार का नगमा है गाकर फेमस हुईं रानू मंडल की जिंदगी में एक बार फिर अंधेरा छा गया है।
संगीतकार हिमेश रेशमिया ने दिया था मौका
मशहूर संगीतकार हिमेश रेशमिया ने रानू को अपनी फिल्म में गाने का मौका दिया था। फिल्म का गाना ‘तेरी-मेरी कहानी’ काफी हिट हुआ था। लेकिन अब कोरोना वायरस की वजह से रानू की हालत फिर से खस्ता हो गई है। खबर है कि रानू को मुंबई में कोई काम नहीं मिल रहा है। वे इस समय राणाघाट के बेगोपारा में स्थित अपनी मौसी के घर में अकेली रह रही हैं। और पिछले दिनों जो कुछ कमाया ता उससे ही गुजारा कर रही हैं। सोशल मीडिया पर रानू के बारे में एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई है। यूजर्स कह रहे हैं चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात।
बता दें कि रानू मंडल अचानक ही एंटरटेनमेंट की दुनिया में सेंसेशन बन गईं। पश्चिम बंगाल के रानाघाट रेलवे स्टेशन पर लता मंगेशकर के मशहूर गीत ‘एक प्यार का नगमा है’ को गाकर रानू रातोंरात इंटरनेट पर छा गई थीं। इसके बाद उन्होंने हिमेश रेशमिया के साथ गाना गाया। इसके साथ ही वह कई रियलिटी शो भी बतौर गेस्ट बुलाई गई हैं। रानू मंडल को कई पब्लिक इवेंट में भी देखा गया है।