RBI Repo Rate : नहीं बढ़ेगी लोन की ईएमआई, RBI ने लगातार सातवीं बार रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव

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RBI Repo Rate : भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग के नतीजे का ऐलान किया गया है। रियल बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास बैठक में दिए गए फैसलों के बारे में बात करते हुए जानकारी दिए कि इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यानी कि इन दोनों को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा गया है। इसका मतलब यह हुआ कि EMI मे कोई बदलाव नहीं हुआ है।

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फरवरी 2023 से वैसा ही है रेपो रेट

रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने रेपो रेट (RBI Repo Rate) के आखिरी बार पिछलें साल 8 फरवरी 2023 को इजाफा किया था। उसे समय रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने से 25 बेसिस प्वाइंट या 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.5 फ़ीसदी कर दिया था।लेकिन इस बार पहले से ही उम्मीद किया गया था कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होगा। रेपो रेट के साथी रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट 3.5% पर स्थिर रखा है।

GDP ग्रोथ 7% रहने का है अनुमान

रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर शशि डांस कांट ने रेपो रेट को इष्टि रखने का ऐलान के साथी महंगाई को लेकर कहा कि खाने पीने की चीज की कीमतों पर मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की नजर है। महंगाई में नरमी देखने को मिल रही है और जीडीपी ग्रोथ में भी बढ़ोतरी हो रही है।

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GDP Growth को लेकर जानकारी दिया गया है कि FY24 मैं भारत की रियल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7% के ऊपर रखा गया था।इसके पहले रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने इस 7.3% पर रखा था और अब ग्रामीण सेक्टर में डिमांड लगातार मजबूत दिख रही है।

EMI पर ऐसी असर डालता है रेपो रेट

FY25 के लिए रिटेल महंगाई दर का अनुमान 4.5% है जबकि FY24 के लिए रिटेल महंगाई का अनुमान 5.4 परसेंट पर बरकरार है। इसके साथ रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने फाइनेंशियल ईयर 2025 की पहली तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ को लेकर 14.7 से बढ़कर 7.2% करने का अनुमान बताया था। तीसरी तिमाही में 14.4 से बढ़कर 7% और चौथी तिमाही में 14.9% जीडीपी रखा गया है।

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आपको बता दे रेपो रेट वह दर है जिस पर किसी देश का केंद्रीय बैंक धन के किसी भी कमी की स्थिति में वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है। रेपो रेट का उपयोग मौद्रिक अधिकारियों द्वारा इन्फ्लेशन को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। वास्तव में रेपो रेट का असर हम लोगों द्वारा बैंकों से लिए गए लोन की ईएमआई पर देखने को मिलता है। अगर रेपो रेट में कटौती होती है तो EMI घट जाती है और रेपो रेट में बढ़ोतरी होती है तो EMI बढ़ जाती है


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