Jamsetji Tata Biography : अपनी बेइज्जती का बदला लेने के लिए खड़ा किया अरबो का साम्राज्य, 21000 हजार से शुरू हुई कंपनी की संख्या पहुंची 29 तक

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Jamsetji Tata Biography : जमशेदजी टाटा को दुनिया भर के लोग जानते हैं और उनका एक देश दुनिया में अलग ही इज्जत है। टाटा ग्रुप का इतिहास 150 साल पुराना है और इसकी शुरुआत मात्र 21000 से हुई थी। टाटा ग्रुप के गोद पर जमशेदजी टाटा ने इस विशाल साम्राज्य की नींव रखी थी। जब टाटा ग्रुप का साम्राज्य आगे बढ़ रहा था उसी समय एक ऐसी घटना घटी जिसके बाद जमशेदजी टाटा ने 5 स्टार होटल बनाने के बारे में फैसला किया।

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जमशेदजी टाटा ने जब अपने परिवार से फाइव स्टार होटल बनाने के बारे में कहीं तो उनके परिवार वाले काफी नाराज हो गए थे। सबके खिलाफ जाकर जमशेदजी टाटा ने अपने ताज होटल का नींव रखा था।

गुजरात में हुआ था जमशेदजी टाटा का जन्म

3 मार्च 1839 को गुजरात के एक छोटे से कस्बे में जमशेदजी टाटा (Jamsetji Tata Biography) का जन्म हुआ था। उनके पिताजी का नाम नौसेरावन जी और माता जी का नाम जीवन भाई टाटा था। मात्र 14 साल की उम्र में ही जमशेदजी टाटा अपने पिता के साथ काम करने लगे थे। जमशेदजी टाटा जब स्टीफन कॉलेज में एडमिशन लिए इस समय उनकी शादी हो गई थी। 1858 में उन्होंने ग्रेजुएशन किया और अपने पिता के साथ बिजनेस में जुड़ गए।

1858 में मात्र ₹21000 खर्च करके उन्होंने खुद का बिजनेस शुरू किया था। सबसे पहले उन्होंने एक दिवालिया तेल कारखाना को खरीदा और उसे एक हुई के कारखाने में बदल दिया। 2 साल बाद मुनाफे के साथ इसे भेज दिया और उन्हें पैसे मिले उसे नागपुर में एक कारखाना लगाया।

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उसे समय जमशेदजी टाटा ने चार बड़ी परियोजनाएं लगाई थी इसमें एक स्टील कंपनी एक वर्ल्ड क्लास होटल एक एजुकेशनल इंस्टीट्यूट और एक जल विद्युत परियोजना शामिल था। जमशेदजी टाटा देश को आत्मनिर्भर बनाना चाहते थे हालांकि सिर्फ एक परियोजना ही उनके जिंदगी में पूरी हो सके वह था ताज होटल को वर्ल्ड क्लास होटल बनाना। बाद में उनके पीडिया ने उनके सपने को पूरा करके दिखाया।

जानिए क्यों बनाया गया था ताज होटल

एक बार जमशेदजी टाटा अपने मित्र के निमंत्रण पर मुंबई के कला घोड़ा इलाके में एक होटल में गए थे। यहां पर जमशेदजी टाटा को यह कहकर लौटा दिया गया था कि यहां सिर्फ गोरे लोग यानी कि अंग्रेजों को ही इंट्री मिलती है। उस समय जमशेदजी टाटा ने खुद को बहुत ही अपमानित महसूस किया और उन्होंने इस बेज्जती का बदला लेने के बारे में सोचा। उन्होंने सोचा कि वह एक ऐसा ही होटल बनाएंगे जिसमें वह वर्ल्ड क्लास की सुविधा देंगे।

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16 दिसंबर 1902 में ताज होटल को पहली बार मेहमानों के लिए खोला गया था और 17 में मानव ने ताज होटल में कदम रखा। ताज होटल पहला ऐसा होटल था जहां बिजली थी और ताज होटल का अस्तर डिस्को ठीक था। यहां पर अंग्रेज बटलर हायर किए गए थे।


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