Indian Railway News : क्या आपको पता है कौन तय करता है ट्रेनों का स्पीड? क्या खाली ट्रैक देख कर लोको पायलट दौड़ा सकता है ट्रेन

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Indian Railway News : ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों के मन में अक्सर कई तरह के सवाल आते रहते हैं। लोगों के मन में अक्सर यह सवाल आता है कि ट्रेनों की स्पीड कौन तय करता है कई ट्रेनों की स्पीड अधिक होने पर हम बोल देते हैं कि लगता है कि ड्राइवर ने ट्रेन की स्पीड बढ़ा दिया। आपके मन में अक्सर ऐसा सवाल आता होगा कि क्या लोको पायलट ट्रेन की स्पीड तय करता है।

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किसके हाथ में होती है ट्रेन की स्पीड

सभी राजधानी एक्सप्रेस में इंजन जैसा होता है फिर भी स्पीड अलग-अलग क्यों होती है। रेलवे अधिकारियों ने इन सवालों के जवाब बताए हैं तो आईए जानते हैं कौन तय करता है ट्रेनों की स्पीड…

वैसे तो ट्रेन का पूरा कंट्रोल लोको पायलट के पास होता है यानी की ट्रेन की स्पीड कम और ज्यादा करना रोकना सब कुछ लोको पायलट के हाथ में होता है। लेकिन लोको पायलट ट्रेन की स्पीड तय नहीं कर सकता है। रेलवे बोर्ड के इनफॉरमेशन एंड पब्लीसिटी के डायरेक्टर शिवजी सुथार ने जानकारी दिया कि देशभर में 68000 किलोमीटर में फैले रेल नेटवर्क को अलग-अलग क्षेत्र में बांटा गया है।

लोको पायलट नहीं कर सकता स्पीड

भौगोलिक परिस्थितियों ट्रेनों की संख्या ट्रैक पर पड़ने वाले कम और टनल आदि इसमें शामिल है। इन सभी सेक्शनों की स्पीड तय की जाती है किस क्षेत्र में कितनी स्पीड से ट्रेन गुजर सकती है उसी के अनुसार लोको पायलट ट्रेन को चलना है। बता दे की रेल नेटवर्क का सामान ट्रैक 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लेकर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार होती है।

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सभी ट्रैक सामान्य या सीधे नहीं होते इसलिए ट्रेनों की क्षमता के अनुसार नहीं चलाया जाता है। इस तरह बता दे की लोको पायलट ट्रेन की स्पीड नहीं तय करता है उसे ट्रेन शुरू के साथ ही सतर्कता बरतने का प्लान दिया जाता है और निर्देश दिया जाता है कि किस क्षेत्र में कितने स्पीड से ट्रेन चलाया जा सकता है।


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