आतंकवाद निरोधी दस्ता एटीएस ने एक ऐसा काम कर दिखाया है, जिसके बाद इन्होंने लोगो के लिए एक उदाहरण पेश किया है की मन में अगर कुछ कर गुजरने की चाह हो और जज्बा हो तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं होता। जी हां उत्तरप्रदेश के एटीएस कमांडो ने माउंटेन एल्ब्रस जो की यूरोप की सबसे ऊंची चोटियों में से एक मानी जाती है पर चढ़ाई कर दिखाई है। आशीष दीक्षित नाम के इन एटीएस कमांडो ने 15 अगस्त को मौसम की सही स्थिति के बीच रूस के काकेशस पर्वत की एलब्रस पहाड़ी की चोटी जिसकी ऊंचाई 5,642 मीटर है पर चढ़ाई की।
आशीष दीक्षित ने इससे पहले भी साल 2020 में अफ्रीका में स्थित सबसे ऊंची पहाड़ी माउंट किलिमंजारो पर चढ़ाई की थी।वही उनकी अब ख्वाहिश है की वो अब सात महाद्वीपों में से हर एक पर सबसे ऊंची बिंदु वाले सातों पहाड़ों पर चढ़कर अपने ये ख्वाहिश पूरी करने चाहते है।आशीष दीक्षित अर्जेंटीना में स्थित दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची पहाड़ी माउंट एकॉनकागुआ पर भी फतह हासिल करना चाहते है।
उनका कहना है कि आज़ादी की 75 वी सालगिरह पर जब उन्होंने अपने देश भारत का झंडा यूरोप में फहराया था उस समय उनका दिल काफी खुशी से भर उठा था।उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों से भी 3 और पुलिसकर्मी उनके साथ पहाड़ की चोटी पर चढ़ने के लिए उनके साथ गए हुए थे लेकिन मौसम की खराब स्थिति और तबियत बिगड़ने के कारण अपना आगे का सफर नहीं कर पाए।
उन्होंने बताया कि ये सफर इतना भी आसान नहीं था।ट्रैकिंग के दौरान उन्हें 60 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलने वाली हवाओ के साथ साथ 20 डिग्री सेल्सियस के तापमान तक का सामना करना पड़ता था। आगे बताते हुए कहा कि जब मौसम खराब होता है तब खुद को निरंतर आगे बढ़ाने के लिए धैर्य और जुनून की आवश्यकता होती है। कमांडो ने इस पहाड़ की चढ़ाई 11 अगस्त को शुरू की थी और 15 अगस्त को चोटी पर खत्म कर दी थी। और लौटने में 2 दिन का वक्त भी लग गया था।
आशीष दीक्षित एनसीसी में शामिल हुए थे जहा से उन्हें ट्रैकिंग के लिए प्रशिक्षण दिया गया था। उसके बाद धीरे धीरे सिक्किम,हिमाचल प्रदेश,जम्मू और कश्मीर जैसे क्षेत्रों से पहाड़ों की चढ़ाई की शुरुआत की थी।