अविश्वसनीय: राजस्थान का एक अनोखा गांव, जहां किसानों के द्वारा गीत गाने पर शुरू हो जाती है बारिश

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ये दुनिया है जनाब यहां कब क्या नामुमकिन चीज मुमकिन हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। राजस्थान का एक ऐसा गांव है जहां की कहानी सुनने के बाद आप भी सोचेंगे की आखिर ये कैसे संभव है? राजस्थान में एक ऐसा गांव है जहां बारिश होने पर किसान छाता लेकर अपने खेत जाते है तो बारिश बंद हो जाती है वहीं अगर बारिश न आए या कम आए तो किसानों के द्वारा खुले आसमान के नीचे गीत गाने से वहा तेज बारिश होनी शुरू हो जाती है। बताया जाता है की ये दुर्लभ घटना 1000 साल पहले होना शुरू हुई थी। तबसे यहां के किसान वीर तेजाजी की स्मृति में उनका महिमागान गाते है। वीर तेजाजी यहां के एक स्थानीय नायक थे जिन्होंने गायों की रक्षा करते करते अपना जीवन त्याग दिया था।

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Farmers in Rain

इस घटना को देखते हुए ब्रिटेन के पीएचडी कर रहे छात्रों द्वारा इसपर शोध भी किया जाएगा। इतिहासकार कहते है की वीर तेजाजी जिन्हे लोगो का जननायक भी कहा जाता है इनकी महिमा में राजस्थान के गांव वाले ‘तेजा गाने’ गाते है। तेजा गायन की लोकप्रियता इतनी बढ़ी थी की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के सहयोग से मदन मीणा जो राजस्थान के पूर्वी क्षेत्र से आते है ने 300 पन्नो की एक किताब लिखी थी जिसे 11 साल हो चुके है। वहां के जितने भी शोधकर्ता है उन्हे ये किताबें दी गई है इसके बाद वहां के छात्र अब तेजा गीतों पर शोध करेंगे।

एक और इतिहासकार है जो काफी अनुभवी है इनका नाम है अशोक चौधरी इनके मुताबिक तेजा गाथा से रिलेटेड सभी डॉक्यूमेंट और ऑडियो वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ पूरी जानकारी कैंब्रिज की वेबसाइट पर मौजूद है। आगे बताते हुए उन्होंने कहा की साल 2008 में हमने ये सदियों पुरानी परंपरा को फिर से जीवित करने के लिए और सभी कलाकारों को एक साथ जोड़ने का प्रयास किया। उसके बाद हमे महलों,गांवों और किलों में लेकर जाया गया।

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स्थानीय लोगो ने रेगिस्तानी राज्य में इस संगीत से बारिश का एक बहुत ही मजबूत कनेक्शन देखा है। डॉ.रजनी गावड़िया जो की कर्माबाई जाट महिला संस्थान की प्रदेश अध्यक्ष है उन्होंने कहा की जब भी यह गीत रेगिस्तानी राज्य में काम बारिश होने पर किसानों के द्वारा गया जाता है तब भगवान इंद्र बारिश करते हुए पृथ्वी को आशीर्वाद प्रदान करते है।

इन गीतों को दसवी शताब्दी से अलग अलग हिस्सों में अलग अलग तरीकों से गाया जाता है। इन गीतों को विदेशी अपने देशों में ओपेरा कहते है।जिस तरीके से विदेशों में ओपेरा शैली संगीत में प्रमुख स्थान रखती है। ठीक वैसे ही मिलते हुए तेजा गीत जो राजस्थान में गए जाते है अलग अलग तरह के गायन के लिए विशेष स्थान पर माना जाता है। रजनी ने आगे बताया कि ये गीत अधिकतर राजस्थान के नागौर जिले में गाए जाते है।

किसानों का मानना है की बारिश का कोई संकेत नहीं दिखने पर भी किसान छाता लेकर घर से निकल पड़ते है और तेजाजी के गीत गाया करते है।उनके अनुसार जब वे बिना रुके गाया करते है तो बिना रुके ही बारिश भी होने लगती है।


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