सुर सम्राट कहीं जाने वाली स्वर कोकिला लता मंगेशकर अब हमारे बीच मौजूद नहीं है बता दे कि उन्होंने 92 साल की उम्र में मुंबई के कैंडी ब्रीच हॉस्पिटल मैं अपनी अंतिम सांसे ली आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीते 29 दिनों से वे अस्पताल में भर्ती थी उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। 8 जनवरी को लता जी का कोरोनावायरस पॉजिटिव आया था और उन्हें निमोनिया की भी शिकायत इसके बाद उन्हें अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती करवाया गया था।
इसके बाद से ही लगातार लता जी का उपचार चल रहा था और उनसे जुड़ी तमाम जानकारियां लगातार मीडिया के माध्यम से उनके चाहने वालों तक पहुंच रही थी। बता दें कि कुछ दिनों पहले ही डॉक्टरों द्वारा यह जानकारी दी गई थी कि लता जी का स्वास्थ्य पहले से ठीक हो रहा है। लेकिन शनिवार अचानक बिगड़ी तबीयत के बाद उन्हें एक बार फिर वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। वही 29 दिन से लड़ रही जिंदगी की जंग लता जी हार गई और उन्होंने रविवार इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
हजारों गानों को अपनी सुरीली आवाज देने वाली स्वर कोकिला आज हमारे बीच मौजूद नहीं है। लेकिन वह अपने पीछे अपनी सुरीली आवाज और अपने द्वारा गाए हुए गाने छोड़ गई है। जिसकी वजह से उन्हें हमेशा याद किया जाएगा बॉलीवुड इंडस्ट्री कभी भी उनके अहम योगदान को नहीं भुला सकती हैं। लेकिन आज हम उनसे जुड़ा है किस्सा आपको बताने जा रहे हैं जब उन्हें जान से मारने की साजिश की गई थी।
बता दें कि पद्मा सचदेव की किताब ‘ऐसा कहां से लाऊं’ में इस बात का जिक्र किया गया है कि 33 साल की उम्र में लता दीदी को जान से मारने की साजिश रची गई थी। खबरों की मानें तो इस घटना के बाद खाना बनाने वाला वहां से फरार हो गया था। खबरों यह बात काफी पुरानी है 1963 में लता दीदी को जान से मारने के लिए उनके खाने में जहर मिला दिया गया था। जिसे खाने के बाद उनकी तबीयत इतनी ज्यादा बिगड़ी कि उन्हें कई महीने तक बिस्तर पर ही रहना पड़ा था।
इतना ही नहीं इस दौरान उनकी शरीर में काफी कमजोरी पैदा हो गई थी। स्वर कोकिला के साथ हुई इस जानलेवा कोशिश के बाद उनके खाने को चेक किया जाता था। बता दें कि इसके लिए दिवंगत बॉलीवुड गीतकार मजरूह सुल्तानपुरी लता दीदी को खाना देने से पहले खुद खाकर चेक किया करते थे।