Process Of Making Ganesh : रक्षाबंधन के साथ ही त्योहारों का सीजन शुरू हो जाता है। पूरे देश में बड़े जूस और जुनून के साथ इस त्यौहार को मनाया जाता है और इसके बाद गणेश चतुर्थी का इंतजार रहता है। गणेश चतुर्थी के अवसर पर देश में बड़ी-बड़ी मूर्तियां बनाई जाती है और बड़े धूमधाम से गणपति बप्पा को घर बुलाया जाता है।
जानिए कैसा है Process Of Making Ganesh
इस अवसर पर पूरे देश में बड़ी ही खूबसूरत मूर्तियां बनाई जाती है और घरों में स्थापित किया जाता है। इस त्यौहार में राजस्थान के कलाकार सबसे अच्छी मूर्तियां बनाते हैं। राजस्थान के कारीगर पूर्वी दिल्ली के पांडव नगर और जसोल के अलावा मदनपुर कदर और तुगलकाबाद में सड़क के किनारे साल भर आजीविका के लिए मूर्तियां बनाते रहते हैं।
20000 की कीमत तक बिकती है यह मूर्तियां
इन मूर्तियों की कीमत ₹500 से लेकर 1000 के बीच होती है वही बड़े गणेश जी की मूर्ति 5000 से 20000 के बीच आती है। यह सभी मूर्तियां इको फ्रेंडली होती है जिन्हें मिट्टी और क्ले से बनाया जाता है।
कलाकार बनते हैं इको फ्रेंडली मूर्ति
बड़े सुंदर तरीके से सभी मूर्तियों को बनाया जाता है। कुछ ऐसी मूर्ति होती है जिसे गोल्डन कलर से ही डेकोरेट किया जाता है। बहुत ही सुंदर तरीके से कलाकारी मूर्तियों को सजाते हैं और इसकी खूबसूरती बढ़ा देते हैं।
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मूर्ति बनाने की प्रक्रिया गणेश चतुर्थी आने से लगभग 5 महीने पहले ही शुरू कर दी जाती है। ज्यादातर मूर्ति आई को फ्रेंडली होती है इसलिए उन्हें मानसून की बारिश से बचना जरूरी होता है और धूप में सूखने के लिए रखा जाता है।