Kasba Ganpati Pune : महाराष्ट्र के मुंबई हो या पुणे 10 दिनों तक बहुत ही धूमधाम से गणेश उत्सव का त्यौहार मनाया जाता है। यहां पर एक से बढ़कर एक पंडाल सजाए जाते हैं और इस दौरान पूरे देश में लोग उत्सव मनाते हैं और बप्पा की पूजा करते हैं। मुंबई की तरह पुणे में भी कई गणेश उत्सव काफी मशहूर है।
यहां पर एक का सवाल गणपति का दरबार है और यहां पर पूरा माहौल भक्ति में रहता है। इस मंदिर का इतिहास बेहद ही खास है और यहां पर लोग बड़े ही धूमधाम से गणपति की पूजा करते हैं।
जानीए Kasba Ganpati Pune क्या है इतिहास
भारत का एक छोटा सा गांव पुनावाडी आज पुणे महानगर के तौर पर जाना जाता है। इसका इतिहास बहुत ही दिलचस्प और प्रभावशाली है। यहां पर जितने भी मंदिरों का निर्माण हुआ था युद्ध के दौरान सभी नष्ट हो गया। साल 1630 में जब जिजाबाई भोसले अपनी 12 साल के बेटे शिवाजी के साथ यहां आई थी उसे दौरान शिवाजी ने इसे मुगलों से मुक्त करने का कसम खाई।
उसे दौरान रानी जीजाबाई के निवास के पास विनायक ठाकुर के घर के पास भगवान गणेश की एक प्रतिमा मिली। जीजा वाहिनी से बहुत ही शुभ माना और गणपति के मंदिर का निर्माण करना शुरू किया। यह मंदिर आज श्री कस्प गणपति के नाम से जाना जाता है।
ग्राम देवता के रूप में गणपति की होती थी पूजा
इस मंदिर के निर्माण के बाद ही पुणे को भगवान गणेश का शहर के नाम से जाना जाता है। यहां पर भगवान गणपति की पूजा ग्राम देवता के रूप में होती थी। कहा जाता है इस शहर की रक्षा भगवान गणपति करते हैं और इस दौरान भव्य पंडाल बनाया जाता है।
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बेहद भव्य होता है यहां पर गणपति का त्यौहार
साल 1925 तक श्री कस्बा गणपति मंदिर परिसर में गणेश उत्सव मनाया जाता था लेकिन 1926 के बाद मंडप तैयार होने लगा। 10 दिनों तक यहां बहुत ही भाव पूजा होती है जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।