Ganesh Chaturthi 2023 : 30 साल पहले नारियल में प्रकट हो गए थे भगवान गणेश, वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है नाम, जाने पूरा किस्सा

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Ganesh Chaturthi 2023 : हिंदू धर्म में जब कोई भी पूजा पाठ किया जाता है तब मांगलिक कार्य के लिए नारियल का जरूर इस्तेमाल होता है। पूजा पाठ और शुभ मांगलिक कार्यों में नारियल चढ़ाने का महत्व है। इतना ही नहीं जब बिजनेस दुकान आदि का शुभारंभ होता है तब भी नारियल चढ़ाया जाता है। नारियल को बेहद पवित्र माना जाता है और रसोई में भी इसका इस्तेमाल होता है।

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Ganesh Chaturthi 2023 पर देखें चमत्कारिक मंदिर

मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में अनोखे गणेश मंदिर में गणेश प्रतिमा के स्थान पर विशेष नारियल स्थापित किया जाता है। इस नारियल गणेश कहा जाता है और हाल ही में अमेरिका स्थित ट्रांजूसियाना वर्ल्ड रिकॉर्ड नाम की रिकॉर्ड संस्था ने इसे मान्यता दिया है। आईए जानते हैं क्या है इसके पीछे की वजह….

इस मंदिर का है अनोखा रिकॉर्ड

इंदौर के प्रसिद्ध 39 वर्षीय नारियल वाले गणेश जी के चमत्कारिक स्वयं शंभू एकाक्षी माने जाने वाले श्रीफल में गणेश की आकृति का निर्माण होने से और 21 सालों से नारियल में जल रहने के कारण इस वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है। ऐसा अनोखा रिकॉर्ड पूरे विश्व में बस इंदौर के श्रीफल वाले गणेश जी के नाम पर ही दर्ज है।

इंदौर शहर के जूनी इंदौर शानी मंदिर में रोड पर स्थित गणपति बप्पा का एक अनोखा और प्राचीन मंदिर है। यहां गणपति बप्पा एकाक्षी श्रीफल के रूप में दर्शन देते हैं। यह अनोखा मंदिर इंदौर में स्थित है जिसका स्थापना 39 साल पहले हुआ था।

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विश्व के तमाम देशों से यहां दर्शन करने आते हैं लोग

इस मंदिर में इंग्लैंड ऑस्ट्रेलिया अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात के भक्त यहां पर दर्शन करने आते हैं। लोग यहां पर श्रद्धांजलि के रूप में पानी भरा नारियल सुपारी और प्रसाद चढ़ाते हैं। इस मंदिर का स्थापना का कहानी भी काफी रोचक है।

ट्रांजूसियाना के आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार पंडित मुरलीधर व्यास को पूजा करते समय नारियल मिला था। जब वह नारियल के बाहरी भाग को काट रहे थे तो उन्होंने उसके अंदर एक बी जैसी आकृति देखी। गणेश चतुर्थी के अवसर पर पंडित व्यास ने देखा कि नारियल के अंदर एक ताने के जैसी संरचना बन रही है। इसके साथ ही नारियल ने लगभग चार दशक तक बिना सुख अपना पानी को बरकरार रखा जिसे किसी चमत्कार से कम नहीं माना जाता है।

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सूत्रों की माने तो नारियल वाले गणेश जी की पूर्ण आकृति 21 साल में निर्मित हुई है। इसमें एक-एक दिन विकास होता रहा जैसे एक दांत मस्तक मुकुट नेत्र कान गर्दन मुंड न मुंह आदि। आम नारियल सूख जाता लेकिन यह चमत्कारिक नारियल था।


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