दशरथ मांझी द माउंटेन मैन की तरह ओडिशा के इस आदमी ने 30 साल मेहनत कर बनाई 3 किलोमीटर सड़क

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देशभर में सड़क लोगों की परेशानियां बन चुकी है और अभी बारिश के मौसम में तो सड़क के मामलों में ग्रामीण क्षेत्रों की हालात बहुत ही खराब है। जर्जर हो चुकी सड़क कई हादसों को न्यौता दे रही है। ग्रामीण जर्जर सड़क को लेकर कई अधिकारियों से शिकायत कर चुके होते है, लेकिन किसी भी तरह का न्याय नहीं मिलने की वजह से ग्रामीण परेशान होकर के पैसों से सड़क तक का निर्माण करवा देते है। ऐसा ही एक अनोखा मामला ओडिशा से आया है, जहां एक शख्स ने जर्जर सड़क से परेशान होकर खुद सड़क का निर्माण करवा दिया।

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Harihar Behera mountain man Odisha

यूं तो सोशल मीडिया पर हर दिन कई दिलचस्प वाकया सामने आते है, लेकिन इस बार जो घटना सामने आई है ​इसने सबको हैरान कर दिया है। जी हां ओडिशा में सड़क बनाने के लिए सरकार ने मना कर दिया तो एक शख्स ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से करीब 30 सालों में 3 किलोमीटर की सड़क तैयार कर ​दी है। इस युवक ने अपनी मेहनत के बल पर ओडिशा के हरिहर बेहरा ने पर्वतीय इलाकों में एक सड़क बना दी। ये सड़क करीब 3 किलोमीटर लंबी है जाके हरिहर के गांव को जोड़ती है। यहां सड़क कई शहर या गांवों के बीचो—बीच नहीं है बल्कि घने जंगलों के बीच से होकर गुजर रही है।

वो कहते है ने अगर इंसान कुछ करने की ठान ले तो उसके आगे कुछ भी नामुमकिन नहीं होता है। हां लेकिन ये बात भी है उसे सफलता देर से मिलती है। ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है ओडिशा में रहने वाले एक आदिवासी किसान हरिहर ने जिन्होंने कुछ ऐसा किया की आज सोशल मीडिया पर सुर्खिया बटोर रहे है। इस आदिवासी किसान हरिहर बेहरा ने करीब 30 वर्षो की अपने कड़ी मेहनत के बाद पहाड़ों का सीना चीरकर वो कर दिखाया जिसे ​हर​ कोई करना तो दूर सोचता तक नहीं है। इन्होंने एक 3 किलोमीटर की सड़क बना दी।

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Harihar Behera mountain man Odisha 2

दरअसल इस युवक ने इस सड़क को बनाने के लिए मेहनत इसलिए की क्योंकि राज्य मंत्री ने अपना दावा पेश करते हुए कहा कि इस इस जगह पर सड़क नहीं बनाई जा सकती है। ​बता दें कि हरिहर नयागढ़ जिले के तुलुबी गांव में रहते है। ये गांव ओडिशा के ​भुवनेश्वर के अंदर आता है। बताया जाता है कि इस गांव में कोई भी सीधी सड़क नहीं जाती है। ये गांव पूरी तरह से पिछड़ा हुआ है। इस गांव में पक्की सड़क तो दूर कच्ची सड़क तक नहीं जाती है। आलम ये है कि अगर किसी को बाजार भी जाना होता है तो जंगल मे भटकर जैसे तैसे पहुंचना पड़ता है। वहीं अगर कोई रिश्तेदार अगर मिलने भी आता है तो रास्ता तक भूल जाते है।

ये गांव बिल्कुल जंगलों से होकर गुजरा है अगर ग्रामीणों को बाजार जाना होता है तो ​घने जंगलों की बीचो—बीच से जाना पड़ता है। इस दौरान रास्ता बहुत ही खतरनाक होता है। जंगल से ग्रामीण अपनी जान जोखिम डालकर निकलते है। इस रास्त में जंगली जीवों के हमले की आशंका बनी रहती है। लेकिन अब ये सड़क बनकर तैयार हो गई है इस पर ग्रामीणों का आवागम भी शुरू हो गया है।

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बहरहाल इस समय ये खबर अब सोशल मीडिया पर जमकर सुर्खिया बटोर रही है। इसे लोगों के द्वारा देखने के साथ ही सड़क बनाने वाले का हौंसला अफजाय किया जा रहा है। इसी के साथ ही इस शेयर भी किया जा रहा है जो अब सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है।


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