Indian Rice Man: भारत जनसंख्या की दृष्टि से विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है ऐसे में यहां पर ज्यादातर आबादी गांव में निवास करती है जो की खेती पर आधारित है। भारत को अपनी संस्कृति के साथ कृषि प्रधान देश भी कहा जाता है। जहां पर हमेशा ही अलग-अलग फसलों की खेती की जाती है जो देश ही नहीं विदेशों तक लोगों की भूख मिट आती है।
आज हम एक ऐसे ही भारतीय व्यक्ति की बात करने जा रहे हैं जिनके द्वारा खोज किए गए चावल दुनियाभर में लोगों की भूख मिटाते हुए नजर आते हैं। यही कारण है कि उन्हें ‘राइस मैन’ के नाम से जाना जाता है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं ब्लॉकबस्टर IR36 और IR64 किस्म की खोज करने वाले गुरदेव सिंह खुश की जिन्हें दुनियाभर में पहचाना जाता है।
गुरदेव सिंह इस किस्म को चावल को दुनिया भर में उगाया जाता है, सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने वाले चावल में से एक है। बता दें कि उनका जन्म पंजाब में हुआ था। उन्होंने लंबे समय तक खेती नहीं कि और न ही धान की फसल उगाई लेकिन उन्हें कृषि में काफी ज्यादा रुचि थी। इसके चलते उन्होंने लुधियाना में एग्रीकल्चर कॉलेज से पढ़ाई करते हुए अपना ग्रेजुएशन पूरा किया।
इसके बाद अपनी पढ़ाई के दम पर उन्हें कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, डेविस (यूसीडी) में एडमिशन मिल गया था। जहां से उन्होंने मर्स्टस को पूरा किया। इतना ही नहीं 1966 में उनको अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान केंद्र से न्योता मिला। इस दौरान ही उन्होंने IR36 और IR64 किस्मों की खोज की जिसे आज भी दुनियाभर में उगाया जाता है। इतना ही नहीं इसके अलावा भी उन्होंने 300 से ज्यादा चावल की किस्मों को खोज निकाला था। आज भी उन्हें उनके योगदान के लिए जाना जाता है।