Chardham Highway Project : हर साल देश-विदेश से चार धाम की यात्रा के लिए लाखों भक्तजन आते हैं। देवभूमि उत्तराखंड में दुर्गम इलाकों और पहाड़ों के बीच होने वाले यह सफर काफी कठिन मानी जाती है। इन संकीर्ण रास्तों में खराब मौसम के चलते अक्सर सफर में रुकावट आ जाती है। ऐसे में यात्रियों को काफी जद्दोजहद उठाना पड़ता है।
हालांकि, अब श्रद्धालुओं के आवागमन को सुविधाजनक बनाने और पहाड़ी इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने चार धाम और कैलाश से मानसरोवर रास्ते के खंड को जोड़ने वाले 825 किमी लंबी सड़क का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। विशेष बात यह है कि साल के 365 दिनों इस सड़क पर आवाजाही होगी।
उत्तराखंड में राष्ट्रीय राजमार्ग का सुधार कार्य जारी
सड़क परिवहन मंत्रालय के मुताबिक, उत्तराखंड में चारधाम यमुनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ को कनेक्ट करने वाले 5 नेशनल हाईवे का सुधार जारी है, जिसमें टनकपुर से कैलाश-मानसरोवर सफर का टोटल 825 किमी लंबा रूट शामिल है। मिनिस्ट्री ने कहा कि फिलहाल तकरीबन 610 किलोमीटर सड़क निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है।
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— Bidisha Saha (@bidishasaha1996) January 13, 2023
दिल्ली-देहरादून इकोनॉमिक कॉरिडोर तकरीबन 213 किमी लंबी है, जिसे तकरीबन 6,392 करोड़ रुपये खर्च कर आवंटित किया गया था और फिलहाल इसकी प्रगति 30.7 फीसदी है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में देवभूमि उत्तराखंड में नेशनल हाईवे के विकास पर तकरीबन 3,520 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
दिल्ली से 12 लेन का हाईवे बनेगा
दिल्ली से देहरादून एक्सप्रेस वे का ज्यादातर हिस्सा यूपी में है। ट्रैफिक के लोड को कम करने हेतु यह दिल्ली से 12 लेन का हाईवे बनेगा और आगे बढ़कर इस एक्सप्रेस को सिक्स लेन कर दिया जाएगा। दिल्ली में 14 किमी और गाजियाबाद में 12 किमी सेक्शन में 12 लेन सड़क बनेंगे।
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बताते चलें कि हर साल अप्रैल में चार धाम यात्रा की शुरुआत होती है और यह नवंबर तक चलती है। इसके बाद ठंड का सीजन शुरू हो जाता है जिससे कपाट बंद कर दिए जाते हैं। सनातन धर्म में खास आस्था रखने वाली चारधाम पश्चिम दिशा से पूर्व की तरफ जाती है। यह सफर यमुनोत्री से शुरू होती है। फिर गंगोत्री इसके बाद केदारनाथ और आखिरी में बद्रीनाथ पर जाकर यात्रा की समाप्ति होती है।