Dev Anand Birth Anniversary : देव आनंद को सदाबहार हीरो कहा जाता है और उन्होंने 100 से अधिक फिल्मों में काम किया है। 6 दशकों से ज्यादा समय तक वह बॉलीवुड में सक्रिय रहे थे और 1946 में उन्होंने पहली फिल्म हम एक है की सफलता के दो 2 साल बाद जिद्दी फिल्म किया था। इस फिल्म से उनकी लोकप्रियता काफी ज्यादा बढ़ गई और 2001 में उन्हें पद्म भूषण से नवाजा गया था।
साल 2002 में उन्हें फ़िल्म जगत का सबसे बड़ा पुरस्कार दादा साहेब फाल्के अवार्ड दिया गया। देवानंद का जन्म 1923 में पंजाब के शंकरगढ़ में हुआ। भले ही देव आनंद आज दुनिया में नहीं रहे लेकिन फिल्मों के जरिए वह हमेशा लोगों के दिलों में बसे रहेंगे।
आज है Dev Anand Birth Anniversary
देवानंद की मुख्य फिल्मों में गाइड, हरे रामा हरे कृष्णा,देश परदेश,ज्वेल थीफ और जॉनी मेरा नाम है।उन्हें सबसे हैंडसम हीरो में गिना जाता है। लड़कियां उनके ऊपर फिदा थी। लेकिन क्या आपको पता है फिल्मों में आने से पहले वह एक कलर थे और वह कलर की नौकरी मुंबई में किया करते थे।
संघर्ष के दिनों में अपना घर चलाने के लिए देव आनंद को कलर की नौकरी करनी पड़ी थी और उसे समय उनकी सैलरी 85 रुपीस थी। इसके बाद देव आनंद ने मिलिट्री सेंसर ऑफिस में भी काम किया और उनकी सैलरी बढ़कर 160 रुपए हो गए। कुछ दिनों के बाद उन्हें फिल्म मिल गई थी और उन्होंने हम एक हैं फिल्म में काम किया था।
जानिए कैसे शुरू हुई थी देव आनंद और सुरैया की प्रेम कहानी
देव आनंद और सुरैया की प्रेम कहानी उसे समय काफी ज्यादा चर्चा में बनी रहती थी। 1948 में विद्या फिल्म में उन लोगों ने काम किया था और इस फिल्म के गाने किनारे की शूटिंग के दौरान देव आनंद ने सुरैया को डूबने से बचाया था। उसे दिन अगर देव आनंद ने नहीं बचाया होता तो आज सुरैया जिंदा नहीं होती और इस दौरान दोनों की प्रेम कहानी भी शुरू हो गई थी।
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सुरैया की दादी ने धर्म के वजह से नहीं होने दी थी दोनों की शादी
देव आनंद ने सुरैया को एक फिल्म के सेट पर 3000 की डायमंड रिंग देकर प्रपोज किया था लेकिन सूर्य की दादी ने उनके रिश्ते को मंजूरी नहीं दी। सुरैया मुस्लिम धर्म से थी और देव आनंद हिंदू थे यही वजह थी कि दोनों की शादी में रुकावट पैदा हो गई। देवानंद के साथ सुरैया ने भागने की योजना बना ली लेकिन उनकी दादी को इस बात की खबर लग गई और उनकी दादी ने इस योजना को सफल नहीं होने दिया।