राजस्थान (Rajasthan) के बारां की 2 नाबालिग दलित बहनों से ज्यादती पर हाथरस की घटना से तुलना को प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। अशोक गहलोत (ashok gehlot) ने कहा कि लड़कियों ने खुद मजिस्ट्रेट के सामने दिए बयानों में अपने साथ ज्यादती नहीं होने और मर्जी से लड़कों के साथ घूमने जाने की बात कही है।
गहलोत बोले- लड़कियों के साथ नहीं हुई ज्यादती
हालांकि, लड़कियों के परिजनों का कहना है कि 18 से 21 सितंबर तक युवक दोनों को कोटा, जयपुर और अजमेर ले गए और गैंग-रेप की घटना को अंजाम दिया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। परिजनों ने कहा कि पुलिस ने लड़कों को छोड़ दिया और लड़कियों को सखी केंद्र भेज दिया। इस पूरे मामले में सफाई देते हुए सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि हाथरस में हुई घटना बेहद निंदनीय है, उसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है।
गहलोत ने कहा कि दुर्भाग्य से राजस्थान के बारां में हुई घटना की हाथरस की घटना से तुलना की जा रही है। घटना होना एक बात है और कार्रवाई होना दूसरी, घटना हुई तो कार्रवाई भी तत्काल हुई। इस केस को मीडिया का एक वर्ग और विपक्ष हाथरस जैसी वीभत्स घटना से कम्पेयर करके प्रदेश और देश की जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि बारां में बालिकाओं ने स्वयं मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए 164 के बयानों में अपने साथ ज्यादती नहीं होने और अपनी मर्जी से लड़कों के साथ घूमने जाने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बालिकाओं का मेडिकल भी करवाया गया और जांच में सामने आया है कि लड़के भी नाबालिग हैं, जांच आगे भी जारी रहेगी।
बहला-फुसलाकर ले गए: लड़कियां
वहीं, नाबालिग लड़कियों का कहना है कि बारां के दो लड़के उन्हें 18 सितंबर को देर रात बहला-फुसला कर ले गए थे। इसके बाद कोटा, जयपुर और अजमेर में दोनों लड़कों ओर उनके अन्य साथियों ने नशीला पदार्थ खिलाकर उनके साथ तीन दिनों तक गलत काम किया। आरोप के मुताबिक, इन लड़कों ने बाद में धमकी दी की घरवालों और पुलिस को कुछ भी बताया तो मां-बाप और तुम्हे मा-र देंगे। 21 सितंबर को पुलिस नाबालिग लड़कियों को और लड़कों को पकड़कर थाने लाई।
पुलिस मुख्यालाय ने बयान जारी करके लड़कियों के साथ रे-प के आरोपों का खंडन किया है। पुलिस का दावा है कि दोनों बालिकाओं ने अपने 164 के बयानों में किया स्पष्ट कि उनके साथ रे-प नहीं हुआ। पुलिस के मुताबिक दोनों लड़कियों की मेडिकल में भी रे-प की पुष्टि नहीं हुई है।