बेटियां भी बेटों से कम नहीं होती इस बात को देश की कई बेटियां बार-बार दोहराते हुई नजर आ रही है। बता दें कि हाल ही में आयोजित हुई वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप (World Boxing Championship) में भारत का प्रतिनिधित्व करती हुए देश की बेटी भारतीय मुक्केबाज़ निकहत जरीन (Nikhat Zareen) ने इस स्पर्धा में गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया है। उन्होंने खेले गए मुकाबले में थाईलैंड की यूतमास जिटपोंग (Jutamas Jitpong) को करारी शिकस्त दी है।

उन्होंने था कारनामा 52 किलोग्राम वर्ग में करते हुए थाईलैंड की जितपोंग जुतामस 5-0 से हराया और वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया और विश्व स्तर पर भारत का मान भी बनाया है। इतनी बड़ी चैंपियनशिप में भारत को गोल्ड मेडल दिलाने वाली निकहत जरीन कि आप हाथरस जमकर तारीफ हो रही है। उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार शुभकामनाएं दी जा रही है।

वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम करने के बाद भी इस संस्करण में पहली भारतीय महिला बन चुकी है जिन्होंने गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। इतना नहीं इसके साथ उन्होंने अपना नाम उस बड़ी लिस्ट में भी शामिल करवा लिया है। जहां पहले इस तरह का कारनामा और भी भारतीय बेटियां कर चुकी है।

निकहत जरीन पांचवी ऐसी खिलाड़ी बन गई है जिन्होंने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। इस लिस्ट में एमसी मैरीकॉम का भी नाम शामिल है। बता दें कि खेले गए इस मुकाबले में निकहत जरीन शुरुआत में थोड़ी लड़खड़ाते हुई नजर आई उन्होंने शुरुआत में अपने खेल को ज्यादा आक्रामक नहीं रखा और दूर पहले और दूसरे राउंड में कम ही उन्होंने अपने गांव आजमाएं।

गोल्ड मेडल के लिए हुए इस मुकाबले में निकहत जरीन तीसरा राउंड से वापसी करते हुए थाईलैंड के खिलाड़ी को ऐसी पाठक ने दी थी उन्होंने इस मुकाबले को 50 से ही अपने नाम कर लिया और गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इतने बड़े मंच पर गोल्ड मेडल जीतने के बाद भी उन्होंने भारत को गौरवान्वित भी कर दिया है। इस खुशी के पल को सब आप काफी इंजॉय कर रहे हैं। देश की बेटी को शुभकामनाएं दे रहे हैं।

बता दें कि निकहत जरीन के अलावा दो और बेटियों ने इस मुकाबले में कांस्य पदक अपने देश के लिए अपने नाम किए हैं जिसमें मनीषा मौन (57 किग्रा) तो परवीन हुड्डा (63 किग्रा) में कांस्य पदक अपने नाम किए है। बॉक्सिंग चैंपियनशिप में अच्छे बड़ी सफलता हासिल करने के बाद इन बेटियों को अब काफी हौसला दिया जा रहा है। ताकि आगे चलकर वे देश के लिए और भी इस तरह के गोल्ड मेडल जीते।