Sea Level at Railway Station : हमारे देश में रोजाना ट्रेनों से सफर करने वाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा होती है। ट्रेन से सफर करना सुविधाजनक होता है और लंबी दूरी भी आसानी से तय हो जाती है। यही वजह है कि लोग ट्रेन से सफर करना चाहते हैं।
जब भी आप ट्रेन से सफर करते हैं तो ऐसे में स्टेशन का नाम लिखे बोर्ड पर आपको एक बार जरूर ध्यान देना चाहिए। यहां पर अक्सर अपने स्टेशन के नाम के नीचे समुद्र तल से उसकी ऊंचाई लिखा जरूर देखा होगा। ऐसे आपके मन में सवाल आता होगा कि समुद्र तल से ऊंचाई यहां क्यों लिखी गई होती है।
क्यों बताई जाती है समुद्र तल से ऊंचाई
इस आर्टिकल में आपको बताएंगे कि आखिर क्यों स्टेशन पर समुद्र तल से ऊंचाई (Sea Level at Railway Station) लिखा गया होता है। तो आईए जानते हैं इसके पीछे का कारण।
समुद्र तल से ऊंचाई को मैन सी लेवल कहा जाता है। पूरे विश्व में समुद्र का एक समान लेवल होता है इसलिए समुद्र को नापने के लिए समुद्र तल को सटीक आधार माना जाता है। वही स्टेशन पर समुद्र तल की ऊंचाई लोको पायलट और गार्ड के लिए लिखी गई होती है। ड्राइवर को ट्रेन की रफ्तार बढ़ाने या काम करने का आईडिया लगाने में आसानी हो सके।
बॉर्डर पर समुद्र तल से ऊंचाई लिखने से ड्राइवर को यह भी समझ आता है कि अधिक चढ़ाई को चढ़ाने के लिए उसे इंजन में कितनी पावर देनी है। साथ यह भी अनुमान लगाने में मदद मिलती है कि कितना फ्रिक्शन लगाना होगा और ट्रेन की स्पीड कितनी रखने की जरूरत है।
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जब भारत में स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा था उसे समय स्टेशन बनाने के लिए रेल लाइन बिछाने में समुद्र तल की जानकारी होनी बहुत ही जरूरी होती थी। इसके आधार पर रेल को बाढ़ और हाइट टाइट जैसे स्थितियों से आसानी से बचाया जा सकता है।