साईं जन्मभूमि पर उद्धव के बयान से बवाल बढ़ा, उद्धव सरकार की बड़ी मुश्किलें

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उद्धव ठाकरे ने 9 जनवरी को औरंगाबाद में साईं बाबा के जन्म स्थल पाथरी शहर के लिए 100 करोड़ की विकास निधि का ऐलान किया था। मुख्यमंत्री के इस फैसले का शिर्डी के लोग विरोध कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि पाथरी को लेकर अगर सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेगी तो वो कोर्ट जाएंगे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अपील के बावजूद शिर्डी ग्राम सभा ने रविवार को बंद करने का फैसला लिया। CM की ओर से साईं जन्मभूमि पाथरी शहर के विकास निधि के ऐलान के बाद उठा विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री के बयान से शिर्डी के लोग नाराज हैं। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि साईं बाबा ने अपने जन्म और धर्म का कभी जिक्र नहीं किया और न ही साईं चरित्र में इसके बारे में कुछ लिखा हुआ है।

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साईं मंदिर के पूर्व ट्रस्टी अशोक खांडेकर का कहना है कि साईं बाबा ने कभी भी अपने जन्म, धर्म पंथ के बारे में किसी को नहीं बताया। बाबा सर्वधर्म समभाव के प्रतीक थे। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को गलत जानकारी दी गई है। खांडेकर का कहना है कि मुख्यमंत्री पहले साईं चरित्र का अध्ययन करें और उसके बाद कोई फैसला लें। अशोक खांडेकर ने बताया कि इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी साईं बाबा के जन्म स्थान को लेकर बयान दे चुके हैं। राष्ट्रपति 1 अक्टूबर 2018 को साईं बाबा समिति शताब्दी समारोह का उद्घाटन करने आए थे। उन्होंने भी कहा था कि पाथरी गांव साईं बाबा का जन्म स्थान है और इसके विकास के लिए मैं काम करूंगा। उस समय भी राष्ट्रपति के इस वक्तव्य का विरोध हुआ था।

शिर्डी ग्राम सभा ने फैसला किया है कि जब तक मुख्यमंत्री ठाकरे अपना बयान वापस नहीं लेते हैं तब तक उनका बंद जारी रहेगा। मुख्यमंत्री ने शिर्डी के लोगों से रविवार को बंद को वापस लेने की बात कही। शिवसेना एमएलसी नीलम गोरे ने एक बयान जारी करके कहा कि आने वाले सप्ताह में मुख्यमंत्री शिर्डी के लोगों से मिलेंगे और इस समस्या का समाधान करेंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पाथरी भी जाएंगे और लोगों से बात भी करेंगे। वहीं, BJP नेता और विधायक राधाकृष्ण विखे पाटील ने शिर्डी ग्राम सभा के बंद के आह्वान को समर्थन दिया है।


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