खेल की दुनिया बहुत ही मनोरंजन भरी होती है इसमें एक्शन और रिएक्शन दोनों पावरफुल माना जाता है। अगर टीम में एक्शन अच्छा है तो आपको आगे बढ़ने का मौका मिलता है। अगर आपका रिएक्शन खराब हो आपको 1 मिनट में टीम से बाहर होना पड़ सकता है। ऐसे में कई खिलाड़ी है जिनका करियर बनने से पहले ही खत्म हो गया है। इसके पीछे कई तरह की बजाह होती है।

कुछ खिलाड़ी अपने प्रदर्शन के बाद भी सिलेक्टर की नजर में अपनी सही भूमिका नहीं बना पाते हैं। जिसकी वजह से कैरियर खत्म हो जाता है। तो कई खिलाड़ी ऐसे हैं जिनकी किस्मत साथ नहीं देने की वजह से प्रदर्शन अच्छा होने के बावजूद भी टीम से बाहर हो जाते हैं। उन्हीं में से एक नाम है प्रज्ञान ओझा का जिन्हें छोटी उम्र में ही भारतीय टीम से संयास लेना पड़ा था।
33 साल की उम्र में लिया था सन्यास
बाएं हाथ के स्पिनर प्रज्ञान ओझा जिन्होंने एक समय टेस्ट मैच में 10 विकेट लेकर वह रिकॉर्ड बनाया था जो शायद ही अब कोई खिलाड़ी बना पाए, लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें टीम से बाहर बैठना पड़ा है। यह गेंदबाज कभी टीम इंडिया के लिए धुरंधर था और रविचंद्रन अश्विन के साथ उनकी जोड़ी हिट मानी जाती थी, लेकिन आज उन्हें टीम से बाहर बैठना पड़ रहा है । यानी कि उन्होंने अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संयास ले लिया है। प्रज्ञान ओझा ने 14 नवंबर 2013 को अपना आखिरी टेस्ट में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था और उन्होंने 33 साल की उम्र में संन्यास की घोषणा कर दी थी इसकी वजह रविंद्र जडेजा बने थे।
जडेजा की वजह से खत्म हुआ इनका करियर
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक समय भारतीय टीम के धुरंधर गेंदबाज और बाएं हाथ के स्पिनर प्रज्ञान ओझा जिन्होंने टेस्ट मैच में 10 विकेट चटकाए थे। मुंबई में खेले गए इस मुकाबले में दोनों पारियों में प्रज्ञान ने 40 रन पर पांच विकेट और 49 रन पर पांच विकेट लिए थे। वहीं उन्होंने 90 रन देकर 10 विकेट का कारनामा किया था ।इसके बाद इनके एक्शन पर सवाल उठना शुरू हो गए थे और मजबूरन उन्हें टीम से बाहर बैठना पड़ा था। इसके बाद रविंद्र जडेजा को इनकी जगह लिया गया था। रविंद्र जडेजा की वजह से ही आज प्रज्ञान ओझा का करियर खत्म हुआ है।

अपने एक्शन को लेकर उठे सवाल पर प्रज्ञान ओझा ने काफी मेहनत की इसके बाद उन्होंने आईसीसी से क्लीनचिट भी प्राप्त कर ली थी, लेकिन इसके बावजूद भी भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और कोहली ने इनसे मुंह मोड़ लिया था और आखिरकार इन्हें टीम से बाहर होना पड़ा था ।इसके बाद इनकी जगह रविंद्र जडेजा को लिया गया था। जिन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया और अच्छे प्रदर्शन के बाद टीम में जगह पक्की कर ली थी।
10 विकेट लेकर किया था कारनामा
प्रज्ञान ओझा के वह 10 विकेट इतिहास में दर्ज हो गए थे उन्होंने दोनों पारियों में अच्छा प्रदर्शन करते हुए 90 रन देकर 10 विकेट चटकाए थे। भारत और वेस्टइंडीज के बीच इस मुकाबले में 90 टेस्ट मैचों में छठा बेस्ट गेंदबाजी प्रदर्शन था। इतना ही नहीं भारत की तरफ से एक टेस्ट मैच में यह तीसरा नंबर का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन था।
सचिन की विदाई में भूले ओझा के 10 विकेट

दरअसल जिस समय प्रज्ञान ओझा ने यह 10 विकेट लेने का कारनामा किया था उस समय क्रिकेट के भगवान यानी सचिन तेंदुलकर की विदाई का आखिरी दिन था। ओडिशा में 5 सितंबर 1986 को जन्मे ओझा का आखिरी टेस्ट बहुत ही ऐतिहासिक था लेकिन सचिन तेंदुलकर के करियर का भी अंतिम टेस्ट था। सचिन तेंदुलकर की विदाई के कुमार के बीच प्रज्ञान की कारनामे को भूल गए थे, हालांकि इस दौरान प्रज्ञान को मैन ऑफ द मैच चुना गया था।