देश के लिए शहीद हुआ बेटा, मां 350 बच्चों को कर रही है फौज में भेजने की तैयारी

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देश के लिए शहीद हुए बेटे को गार्ड ऑफ ऑनर देकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई थी। लेकिन उनकी मां जो उनके लिए कर रही है वह गार्ड ऑफ ऑनर से भी बढ़कर है। 6 अक्टूबर 2017 को MI-17 हेलीकॉप्टर हादसे में गाजियाबाद के इंदिरापुरम में रहने वाले वायु सेना के स्क्वाड्रन लीडर सुशील तिवारी देश के लिए शहीद हो गए थे। उनकी शहादत पर पूरा देश रोया था। और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया। लेकिन उनकी मां जो उनके लिए कर रही है वह गार्ड ऑफ ऑनर से भी कहीं बढ़कर है। अपना लाडला बेटा खोने के बाद में गरीब बच्चों का जीवन संवारने के लिए लग गई और उन बच्चों को ही अपना बेटा मान लिया।

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गरीब बच्चों को पढ़ाती है शहीद की मां
दरअसल, शहीद शिशिर की मां सविता तिवारी अपने बेटे की शहादत को जिंदा रखने के लिए गरीब बच्चों को पढ़ा कर उनके सपनों को पूरा करने में जी-जान से लगी हुई है। उनका मानना है कि मेरा एक बेटा देश के लिए शहीद हो गया तो क्या इन बच्चों को अपना बेटा समझ सेना में भेजने के लिए तैयार कर रही हूं ताकि ये देश की सेवा कर सके।

2 साल पहले बनाया था ट्रस्ट
15 अगस्त 2018 को सविता तिवारी ने अपने पति की मदद से “शहीद स्क्वाड्रन लीडर शिशिर तिवारी चैरिटेबल ट्रस्ट” बनाया। सविता ने केवल 10 बच्चों से ट्रस्ट की शुरुआत की थी लेकिन आज उनके पास 350 बच्चे पढ़ने आते हैं। इस ट्रस्ट के जरिए शिशिर के माता-पिता बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ उनको अच्छे खाने पीने की व्यवस्था भी करते हैं। इस नेक काम को करने के लिए उनके पास काफी लोग मदद के लिए आते हैं लेकिन फिर भी फंड की कमी रहती है। इसके बावजूद भी सविता उन्हें पूरी सुविधाएं देने का प्रयास करती है।

सविता का कहना है, “मेरा एक ही सपना है, इन बच्चों को पढ़ा लिखा कर इतना योग्य कर दूं कि यह बच्चे डॉक्टर, वकील, पुलिस अफसर और आर्मी अफसर बनकर देश की सेवा में जुट जाएं। यही मेरे लाल को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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6 अक्टूबर 2017 को शहीद हुए थे शिशिर तिवारी
6अक्टूबर 2017 को भारतीय वायु सेना का एक हेलीकॉप्टर चीनी बॉर्डर से महज 12 किमी दूर अरुणाचल प्रदेश में तवांग इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। इस दुर्घटना में 7 जवानों ने देश के लिए आहुति दे दी थी जबकि 2 अन्य लोग भी मारे गए थे।


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