SC on Baba Ramdev : रामदेव के खिलाफ बिहार और छत्तीसगढ़ में 3 साल पहले एक केस दर्ज किया गया जिसका स्टेटस सुप्रीम कोर्ट ने पूछा। आपको बता दे की कोरोना महामारी के इलाज को लेकर एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति पर टिप्पणी के वजह से यह केस दर्ज हुआ था। अदालत में बाबा रामदेव की ओर से दोनों केशव को क्लब किए जाने के मांग की अर्जी पर सुनवाई करते हुए पूछा है और कैसे का स्टेटस जानने के लिए अदालत से पूछा है।
जस्टिस एमएम सुंदरेष और जस्टिस पीबी वरले की बेंच ने पूछा है कि यह मामला 2021 का है और इसमें अब तक चार्ज सीट भी दाखिल हो गई है। यदि आपके आवेदन पर विचार किया जाए तो फिर हमें यह जानना जरूरी होगा कि दोनों केस का स्टेटस क्या है।
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बाबा रामदेव (SC on Baba Ramdev) अपनी अर्जी में कहे कि उनके खिलाफ दो फिर को क्लब किया जाए और उनका ट्रायल दिल्ली में ही चले। बिहार और छत्तीसगढ़ में यह शिकायतें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से दर्ज कराई गई थी। सनी के दौरान बाबा रामदेव के वकील और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के वकील मौजूद थे।
लेकिन बेंच ने कहा कि इस मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की दोनों स्टेट यूनिट्स को भी पार्टी बनाया जाएगा और उनका रुख भी जानना जरूरी है। अदालत ने इस दौरान बिहार और छत्तीसगढ़ की सरकारों को आदेश दिया कि वह फिर पर स्टेटस फाइल कर दें। इसके लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है। अगली सुनवाई गर्मी की छुट्टियों के बाद तय की गई है।
SC on Baba Ramdev
वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने बाबा रामदेव का पक्ष रखते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से दाखिल शॉर्ट एवं डेविड पर आपत्ति जताई है। देश की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकीलों ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का विरोध किया है। आपको बता दे की सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को सुने जाने से आपत्ति है। उन्होंने कहा कि इसमें नए लोगों को हिस्सा नहीं बनने दिया जा रहा है यह आप अर्जी और शिकायतकर्ता के बीच का मामला है।
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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के तरफ से पेश किए गए वकील प्रभास बजाज ने कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की स्टेट यूनिट स्वत संस्थाएं हैं। इसका पक्ष भी सुन जाना चाहिए इसलिए तो हम इंडियन मेडिकल एसोसिएशन में इस पार्टी बनाएं। आपको बता दे अक्टूबर में सिरसालत के तरफ से उसे नोटिस जारी किया गया था।