टोक्यो ओलंपिक में भारत की और से जेवलिन थ्रो में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने वाले नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीतकर पूरे देश को गौरवान्वित कर दिया है बता दें कि उन्होंने इस खेल में सबसे लंबा वाला भेजते हुए अपने प्रतिद्वंद्वियों को हराते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। भारत को साल 2008 में गोल्ड मेडल मिला था जिसके बाद से आज 13 साल बाद नीरज चोपड़ा ने सभी देशवासियों की उम्मीद को जगा दिया।
गोल्ड मेडल जीतने के बाद से ही नीरज चोपड़ा को सभी देशवासियों द्वारा बधाई दी जा रही है सोशल मीडिया पर उनका हैशटैग काफी ट्रेंड हो रहा है। सभी देशवासी उनकी फोटो और वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं उनकी इस उपलब्धि से पूरा देश काफी खुश नजर आ रहा है। नीरज चोपड़ा को लेकर शुरू से ही आरती के देश का नाम सुनहरे अक्षरों में जरूर लिखेंगे और हुआ भी कुछ ऐसा ही नीरज ने शुरू से ही अपने खेल पर फोकस रखा और लगातार ओलंपिक के दौरान अपने प्रतिद्वंदी खिलाड़ियों को पीछे छोड़ते चले गए।
आज भारत के इस नौजवान खिलाड़ी की इतनी बड़ी उपलब्धि के मौके पर हम आपको उनके जीवन से जुड़ी कुछ बातें बताते हैं आखिर कौन है नीरज चोपड़ा जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक में भारत का तिरंगा लहराया है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि नीरज चोपड़ा का जन्म साल 1997 में हरियाणा के पानीपत में हुआ था। एक किसान के बेटे हैं और उनके पिता का नाम सतीश कुमार और माता का नाम सरोज देवी है। नीरज मूल रूप से खंडरा गांव के रहने वाले हैं। नीरज ने अपनी पढ़ाई चंडीगढ़ से की है।
नीरज के प्रदर्शन की बात की जाए तो उन्होंने अपने 23 साल के करियर में 5 गोल्ड मेडल अपने नाम किए हैं। सबसे पहले उन्होंने साल 2016 के दौरान दक्षिण एशिया गेम में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। नीरज का यही प्रदर्शन साल दर साल चलता ही गया लेकिन उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल हासिल कर सभी का दिल जीत लिया है आज सारा देश नीरज चोपड़ा को तहे दिल से बधाइयां दे रहा है। बता दें कि उन्होंने 87.58 थ्रो करते हुए यह गोल्ड मेडल अपने नाम किया है।
वही पुराना पेड़ हमें के दौरान भी नीरज चोपड़ा 2 लाख रुपए प्रधानमंत्री राहत कोष में दे चुके हैं। वही टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन की बात की जाए तो अब तक टोटल 7 मेडल देश के खिलाड़ी अपने खाते में जमा कर चुके हैं लेकिन अभी तक गोल्ड मेडल किसी के भी हाथ में ही लगा था और यह सपना नीरज ने आज पूरा कर दिया।