Bravery Awards : गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गैलंट्री अवॉर्ड्स यानी की वीरता पुरस्कार का घोषणा किया। राष्ट्रपति के द्वारा 80 जवानों को वीरता पुरस्कार देने की मंजूरी दी गई जिसमें 12 जवानों को करने पर आती है सम्मान दिया गया। इन पुरस्कारों में 6 कीर्ति चक्र 16 शौर्य चक्र और 53 सेवा मेडल शामिल किया गया है।
वीरता पुरस्कारों की शुरुआत 26 जनवरी 1950 को की गई थी। तब तीन कैटेगरी में यह पुरस्कार दिया गया था पहला परमवीर चक्र दूसरा महावीर चक्र और तीसरा वीर चक्र। दुश्मनों के सामने जवानों के अदम्य साहस और बलिदान के लिए उन्हें पदक देकर सम्मानित किया जाता है। तीन पुरस्कार की शुरुआत बाद में की गई थी।
साल में दो बार ऐसे पुरस्कारों का ऐलान किया जाता है। 23 जनवरी यानी कि गणतंत्र दिवस और 15 अगस्त यानी की स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर। भारत का राष्ट्रपति भारतीय सशस्त्र बलों का कमांडर इन चीफ होता है। देश के राष्ट्रपति के हाथों से बहादुर जवान सम्मानित किए जाते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि इन सभी पुरस्कारों में क्या अंतर होता है।
परमवीर चक्र
परमवीर चक्र देश का सबसे बड़ा वीरता सम्मान पुरस्कार (Bravery Awards) है जिसकी शुरुआत 26 जनवरी 1950 को हुई थी। परमवीर चक्र शत्रु के सामने बहादुर और आत्म बलिदान के सबसे विशिष्ट कार्य के लिए दिया जाता है। देश की सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न के बाद सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार इसे ही कहा जाता है। इसको मरणोपरांत भी प्रदान किया जा सकता है।
यह पद गोलाकार आकार का होता है और इसके सामने के हिस्से पर इंद्र के बज के चार प्राकृतिक बनाई रहती है। इसके बीच में राज्य का चिन्ह भी बनाया जाता है और पदक के पीछे हिंदी और अंग्रेजी भाषा में परमवीर चक्र खुदा होता है। इसका रिबन सदा और जामुनी रंग का होता है। को पाने वाले व्यक्ति को हर महीने ₹10000 मिलते हैं।
महावीर चक्र
महावीर चक्र में जमीन पर समुद्र में या हवा में दुश्मन की उपस्थिति में शौर्य प्रदर्शन करने वाले वीर जवानों को यह प्रदान किया जाता है, अगर इस चक्र से सम्मानित जवान दोबारा कोई ऐसा काम करता है तो उसे एक बार फिर से सामान्य के योग्य समझा जाता है और उसके चक्र में एक अतिरिक्त पट्टी जोड़ी जाती है।
यह चक्र का पदक गोलाकार होता है जिसके आगे के हिस्से पर पांच बिंदुओं वाले राजकीय सितारा अंकित होते हैं। मेडल का रिबन आधा सफेद और आधा नारंगी रंग का होता है। महावीर चक्र से सम्मानित व्यक्ति को हर महीने ₹5000 दिए जाते हैं।
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वीर चक्र
परमवीर चक्र के बाद वीर चक्र युद्ध वीरता पुरस्कारों (Bravery Awards) में तीसरा सबसे बड़ा भारतीय वीरता पुरस्कार माना जाता है। यह सम्मान जमीन पर समुद्र में यह हवा में दुश्मन की उपस्थिति में बहादुर प्रदर्शन करने वाले वीर योद्धाओं को दिया जाता है। यह भी गोलाकार ही होता है। इसके बीचों बीच राजकीय चिन्ह बनाया जाता है। इस मेडल का रिबन आधा नीला और आधा नारंगी होता है।
सी नौसेना वायु सेवा के साथ रिजर्व बल प्रादेशिक सी रक्षक योद्धा और विधि द्वारा स्थापित किसी सशस्त्र बल के सभी रंगों के महिला पुरुष सैनिक अधिकारी को यह सम्मान दिया जाता है। इससे सम्मानित व्यक्ति को हर महीने ₹3500 मिलते हैं।
कीर्ति चक्र
इसकी शुरुआत 1952 में हुई थी।सी वायु सेवा और नौसेना के जवानों और अधिकारियों के अलावा यह सम्मान टेरिटोरियल आर्मी और आम नागरिकों को भी प्रदान किया जाता है। अभी तक 198 से अधिक वीरों को मरणोप्रांत या पदक दिया गया है।
शौर्य चक्र
शांति के समय देश के सर्वोच्च वीरता पद को में शौर्य चक्र का नाम शामिल है। कीर्ति चक्र के बाद यह सबसे बड़ा चक्र है। शांति कल के समय सैनिकों और सैनिकों के शौर्य प्रदर्शन या बलिदान के साथ असाधारण वीरता के लिए यह पुरस्कार दिया जाता है।
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अशोक चक्र
यह पुरस्कार शांति के समय दिया जाता है।अशोक चक्र भारतीय सैनिकों और और सैनिकों को और साधारण वीरता सुरता या बलिदान के लिए दिया जाता है। इसे भी मरणोपरांत दिया जाता है।
सेना मेडल
कर्तव्य के प्रति और साधारण समर्पण या साहस कार्यों के लिए भारतीय सेना के सभी रैंक के जवानों को सेना मेडल दिया जाता है। इसे भी मरणोपरांत दिया जा सकता है।