मुंबई हाईकोर्ट में सुनवाई में छलका अर्नब गोस्वामी का दर्द मुंबई पुलिस की क्रू-रता को किया बयां

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बुधवार को रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी को मुंबई पुलिस द्वारा उनके निवास स्थान से गिरफ्तार किया गया था। उनके ऊपर मुंबई पुलिस ने आरोप लगाया है कि उन्होंने इंटीरियर डिजाइनर और उनकी मां को आ-त्म-ह-त्या के लिए उकसाया है। रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी की कल शनिवार को मुंबई हाईकोर्ट में दायर की गई जमानत याचिका पर सुनवाई हुई।

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अर्नब के वकील ने हाई कोर्ट को सप्लीमेंट्री आवेदन भी दिया है। इस आवेदन में अर्णब गोस्वामी ने यह दावा किया है कि मुंबई पुलिस ने उनके साथ आतं-कियों जैसा व्यवहार किया है। मुंबई पुलिस द्वारा उन्हें जमीन पर लेटा कर जूतों से मा-रा गया और पीने के लिए पानी तक नहीं दिया गया। अपने शरीर पर दिए गए मुंबई पुलिस के चोट के निशान दिखाएं और यह दावा किया के मुंबई पुलिस द्वारा उन्हें रीढ़ की हड्डी और नसों में चोट दी गई है। इस एप्लीकेशन में उन्होंने यह भी आरोप लगाए कि मुंबई पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्त में लेते समय उन्हें जूते पहनने तक का भी समय नहीं दिया और नंगे पांव घसीटते हुए घर से ले जाया गया।

इस आवेदन में उन्होंने कोर्ट से यह सवाल भी पूछा कि क्या वह एक आतं-कवा-दी है, जो मुंबई पुलिस द्वारा उनसे ऐसा व्यवहार किया जा रहा है। बुधवार को गिरफ्तार किए गए अर्नब गोस्वामी 18 नवंबर तक ज्यूडिशल कस्टडी में है। कोरोना महामारी के चलते सावधानी रखते हुए उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई से पहले उन्हें जेल नहीं भेजा जा सकता। पिछले 4 दिनों से अर्नब गोस्वामी को अलीबाग क्षेत्र में बने एक स्कूल जोकि कोविड-19 सेंटर है वहां पर रखा गया है।

अर्नब के समर्थन में बोली कंगना रनौत

अर्नब की गिरफ्तारी के बाद कंगना ने उद्धव सरकार पर हमला बोल दिया, कंगना रनौत ने मुंबई की तुलना पाकिस्तान से करते हुए मुंबई को पाकिस्तान द्वारा कब्जा किए हुए कश्मीर से कर दी। कंगना राणावत ने उद्धव ठाकरे को लेकर यह कहा कि उद्धव नेपोटिज्म का सबसे बेकार उत्पादन है। इसको लेकर कंगना ने अपने ट्विटर पर एक वीडियो भी शेयर किया और कहा यह लड़ाई सिर्फ अर्नब, आपकी या मेरी नहीं है यह लड़ाई सभ्यता की है भारतवर्ष की है।

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अभी तक मुंबई हाईकोर्ट में क्या-क्या हुआ

अभी तक अर्नब गोस्वामी द्वारा दी गई जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी नहीं हो पाई है। मुंबई हाई कोर्ट के जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एमएस कार्णिक की बेंच ने दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि, कानून द्वारा यह व्यवस्था बनाई गई है। जमानत के लिए पहले आपको याचिका मजिस्ट्रेट कोर्ट में लगानी होती है उसके पश्चात सेशन कोर्ट में अर्जी दायर करनी होती है। मजिस्ट्रेट कोर्ट में सुनवाई के दौरान अगर जमानत प्राप्त नहीं होती है तब जाकर कहीं आप हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं।

हाईकोर्ट ने अर्नब के वकील को तुरंत राहत प्रदान करने से इनकार किया है और शुक्रवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह कहा कि आपके द्वारा दायर की गई याचिका पूरी नहीं है तो इसे पूरा करें। हाईकोर्ट ने अर्नब के वकील को कहा कि सुनवाई के दौरान कोर्ट नायक परिवार तथा महाराष्ट्र सरकार की भी दलीलें सुनना चाहती है। इसलिए जब तक सभी पक्षों की बात नहीं सुन ली जाती तब तक राहत मुश्किल है। हाईकोर्ट ने अर्नब के वकील से कहा कि आपने अपने आवेदन में अक्षता जोकि अनवर नायक की पत्नी है जिन्होंने अपना एक बयान सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है उनको शामिल क्यों नहीं किया।

अभी तक यह बात पूरी तरह से साफ नहीं हो पाई है कि शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के समय अक्षता और महाराष्ट्र सरकार ने अपनी तरफ से कोई भी दलीलें कोर्ट के सामने नहीं रखी, आखिर क्यों?

विशेषाधिकार हनन मामले में अर्नब को राहत

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार द्वारा अर्नब पर लगाए गए विशेषाधिकार हनन मामले में राहत दी है और महाराष्ट्र सरकार को फटकार भी लगाते हुए अर्नब गोस्वामी की गिरफ्त पर रोक लगा दी है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा उद्धव ठाकरे व उनकी सरकार के मंत्रियों पर टिप्पणी करने के कारण अर्नब गोस्वामी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का एक नोटिस जारी कर दिया था। उन्होंने बताया कि विधानसभा सचिव ने अर्नब गोस्वामी को पत्र द्वारा सूचित भी किया था। विधानसभा सचिव ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस हाई कोर्ट को नहीं बताने की चेतावनी भी दे दी। इस पूरे मामले में चीफ जस्टिस एसए बोबडे की बेंच ने महाराष्ट्र विधानसभा सचिव को एक नोटिस जारी किया और उसका जवाब मांगा।

अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र भाजपा अर्नब के समर्थन पर रोड पर आ कर प्रदर्शन करने लगी। अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के बाद भाजपा के विधायक राम कदम ने मंत्रालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान महाराष्ट्र पुलिस ने राम कदम को गिरफ्तार किया और बाद में उन्हें छोड़ भी दिया।

गृहमंत्री अमित शाह की तीखी टिप्पणी

गृहमंत्री अमित शाह इन दिनों अपने पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं और इस दौरान अर्नब की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि “प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला सही नहीं है। प्रेस की आजादी को किसी भी पार्टी या सरकार को रोकना नहीं चाहिए” लेकिन कांग्रेस की इमरजेंसी के समय की ऐसी संस्कृति रही है और हम इसके खिलाफ हैं।


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