Lord Krishna Mayapur Temple : 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा हुआ। अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि में भगवान राम का मंदिर बनने से भक्तों का 500 साल पुराना सपना साकार हो गया है। ऐसे में कृष्ण के भक्ति कैसे पीछे रहेंगे। हम श्री कृष्ण जन्म भूमि मथुरा की बात नहीं कर रहे हैं। हम आपको बता रहे हैं मथुरा से 1370 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पश्चिम बंगाल के मायापुर में तैयार हो रहे दुनिया के सबसे विशाल हिंदू मंदिर के बारे में।
आपको बता दे की मायापुर इस्कॉन का मुख्यालय है। श्री कृष्ण अवतार की कई कहानियां हमने सुनी है और हर कहानी में समानताएं हैं, वह समानताएं हैं श्री कृष्ण की नटखट बाल लीलाएं।
मायापुर में बना रहे विशाल मंदिर को अगर कृष्णा की लीला नगरी (Lord Krishna Mayapur Temple) कहा जाए तो कोई गलती नहीं होगी। इस मंदिर का नाम टेंपल ऑफ़ वेदिक प्लैनेटेरियम रखा गया है।इसे चंद्रोदय मायापुर मंदिर के नाम से जाना जाएगा। इस दुनिया का सबसे विशाल मंदिर कहा जाएगा बल्कि इसका गुंबद भी विशाल होगा।
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2010 में हुई थी इस प्रोजेक्ट की शुरुआत
कोलकाता से लगभग 130 किलोमीटर दूर नदिया जिले के मायापुर में इस विशालकाय मंदिर का निर्माण 2010 में शुरू हुआ था। अमेरिका की कैपिटल बिल्डिंग की डिजाइन से प्रेरित होकर इस मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। जुलाई 1976 में वॉशिंगटन की यात्रा के दौरान श्रील प्रभुपाद, जो की स्कंध के संस्थापक है कैपिटल बिल्डिंग का डिजाइन से इतने प्रभावित हुए की मायापुर में नए मंदिर निर्माण करवाने का सोचा।
उन्होंने अंबरीश दास को इस मंदिर निर्माण के लागत में योगदान देने का अनुरोध किया। अंबरीश दास का असली नाम अल्फ्रेड फोर्ड है जो की प्रसिद्ध मोटर कंपनी फोर्ड के संस्थापक हेनरी फोर्ड के परपोते हैं। इस मंदिर के लिए उन्होंने 500 करोड़ का दान दिया।
तीन हिस्सों में तैयार हो रहा है यह मंदिर
इस मंदिर को तीन हिस्सों में बनाया जा रहा है। यह बेहद खास मंदिर होगा जिसका डिजाइन हर इंसान को खूब पसंद आएगा। इसकी खूबसूरती आपको पहली नजर में भाई की क्योंकि इसकी खूबसूरती काफी खास होगी।
जानिए क्या होगी इस मंदिर की खासियत
- मायापुर चंद्रोदय मंदिर का निर्माण 8000 करोड रुपए के लागत से हो रहा है।
- मंदिर के हरताल पर काम से कम 10000 भक्त खड़े हो सकते हैं। इस्कान की परंपरा के अनुसार यहां पर भक्त दिल खोलकर नृत्य गान कर सकते हैं।
- नरसिंह मंदिर के गुंबद का विकास 177 फिट है जिसपर गोल्ड लीफ लगे हुए हैं।
- मंदिर की वास्तुकला पूर्वी और पश्चात शैली का मिश्रण होगा। यहां 2.5 एकड़ क्षेत्र में पुजारी तल का निर्माण किया जाएगा।
- दूर से देखने में यह मंदिर महल के रूप में दिखाई देगा।
- 20 मीटर लंबे वैदिक झूमर लगाए जाएंगे जिसका ब्याज 60 मीटर मंदिरनुमा होगा।
- मंदिर का परिषद 750 एकड़ क्षेत्र में बनाई जाएगी।
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इस मंदिर को अगले 3 साल में बनाया गया है। जैसे ही यहां पर मंदिर का निर्माण होगा मायापुर एक धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में उभरेगा। यहां पर कई तरह के आयोजन होंगे और देश दुनिया से लोग यहां पर आएंगे।