उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भू-माफिया, हिस्ट्रीशीटर और गैंगस्टर के खिलाफ ”ऑपरेशन नेस्तनाबूद” चलाया है. इसके तहत सीएम योगी ने आदेश दिया है कि सरकारी जमीनों पर माफिया और अपराधियों के अवैध कब्जे और संपत्तियां ढहाई जाएं और इसमें लगा खर्च, सरकारी जमीन पर जितने समय तक कब्जा रहा है, उस अवधि का हर्जाना भी उन्हीं से वसूला जाए.
सीएम के आदेश के बाद प्रशासन ने ”ऑपरेशन नेस्तनाबूद” को और तेज कर दिया है. इसका अंदाजा प्रयागराज में अतीक अहमद, मऊ और लखनऊ में मुख्तार अंसारी समेत यूपी के 25 से ज्यादा लिस्टेड माफियाओं के खिलाफ चल रही कार्रवाई से लगाया जा सकता है.
अब तक करीब 500 करोड़ की अवैध संपत्ति जब्त
अब तक राज्य में माफिया और अपराधियों की करीब 500 करोड़ की अवैध संपत्तियां या तो जब्त-कुर्क कर ली गई हैं या ढहा दी गई हैं. प्रयागराज प्रशासन ने अकेले अतीक अहमद की 300 करोड़ की अवैध संपत्ति जमींदोज कर दी है. ऐसा नहीं है कि योगी सरकार का एक्शन सिर्फ कुछ चुनिंदा बाहुबलियों तक ही सीमित है. राज्य में 25 से ज्यादा ऐसे मफिया के खिलाफ कार्रवाई जारी है. इसमें सपा के कद्दावर नेता आजम खान, सपा एमएलसी कमलेश पताहक, भदोही से विधायक विजय मिश्रा जैसे लोग भी शामिल हैं.
मुख्तार और अतीक पर कसता जा रहा शिकंजा
पूर्वांचल के माफिया और मऊ सदर विधायक मुख्तार अंसारी पर प्रशासन का शिकंजा दिनों-दिन कसता चला जा रहा है. बाहुबली विधायक और उसके गैंग के सदस्यों के अवैध संपत्तियों की कुर्की, दोनों बेटों उमर और अब्बास पर एफआईआर और इनाम घोषित होने के बाद अब पत्नी और दोनों साले भी कानूनी कार्रवाई की जद में आ गए हैं. इससे पहले उनकी करोड़ों की संपत्ति जब्त या धराशायी हो चुकी है.
इसमें लखनऊ स्थित उसके दो घर, पत्नी और सालों के कब्जे वाली जमीन, मऊ में अवैध बूचड़खाना और कई अन्य संपत्तियां शामिल हैं. वहीं अतीक अहमद के प्रयागराज स्थित दफ्तर, दो मकानों, कोल्ड स्टोरेज समेत कई अन्य संपत्तियों पर प्रशासन का बुलडोजर चल चुका है.