तेलंगाना में एक मंदिर है जो इस वक्त बिकाऊ है और ये मंदिर किसी भगवान का नही बल्कि एक मुख्यमंत्री का है,जो आम जनता के बीच काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। ये मंदिर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव के एक प्रशंसक ने बनवाया था। जिन्होंने उनकी मूर्ति बनवाकर उसका एक मंदिर बनवाया था।जितनी श्रद्धा से उन्होंने ये मंदिर बनवाया था अब उसे बेचने की वजह भी उतनी ही खास है।
दरअसल उनके प्रशंसक का कहना है की उसने अब के.चंद्रशेखर राव के प्रति अपनी जितनी भी श्रद्धा थी वो सब खो चुके है इसलिए वो अब उनके मंदिर को बेच देना चाहते है। इन प्रशंसक का नाम है गुंडा रविंदर जो मुख्यमंत्री केसीआर के कट्टर अनुयायी थे और सबसे बड़े प्रशंसक होने का दावा भी करते थे इसी को साबित करते हुए उन्होंने मंचेरियल जिले के दांडेपल्ली मुख्यालय के अपने घर में केसीआर की संगमरमर की मूर्ति बनवाई थी साथ ही मंदिर भी बनवाया था। रविंदर के साथ ही उनका पूरा परिवार भी इस लोकप्रिय नेता को भगवान की तरह ही पूजा करता था।
जब रविंदर ने ये मंदिर बनवाया था उस वक्त के दौर में तेलंगाना आंदोलन में वे सक्रिय रूप से भाग लेने का दावा भी करते है,तेलंगाना राष्ट्र समिति प्रमुख के लिए उनकी श्रद्धा भक्ति को दिखाते हुए बड़े ही गर्व से वो लोगो को ये मंदिर दिखाया करते थे।मंदिर पर लिखवाया भी हुआ है की . ‘तेलंगाना के प्यारे बेटे और चार करोड़ लोगों की आशा’
रविंदर का दावा है की उन्होंने मूर्ति को बनवाने और लगवाने में 3 लाख रुपए तक खर्च कर चुके है। उनका तो यह तक कहना है की इसके लिए उन्होंने कर्ज तक लिया था। लेकिन जबसे उनका मन बदला है उसके बाद से उन्होंने उस प्रतिमा को ढक दिया है और अपना कर्ज चुकाने के लिए इस मंदिर को बेचना चाहते है।
केसीआर के पीछे उनकी श्रद्धा कम होने की वजह रविंदर बताते है कि जब तेलंगाना राज्य के गठन के बाद उन्हें टीआरएस में सही मान्यता नहीं मिल पाई। उनके अनुसार उन्हें केसीआर या उनके बेटे केटीआर तक से मिलने का चांस तक नही मिल पाया। जिसके बाद वो बीजेपी में शामिल हो गए और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया की वो केसीआर के मंदिर और उसमे रखी उनकी मूर्ति को बेचना चाहते है।