Tds & Income Tax Difference : जानिए टीडीएस और इनकम टैक्स में अंतर नौकरीपेशा को टीडीएस कटने के बावजूद चुकाना होगा इनकम टैक्‍स

Follow Us
Share on

Tds & Income Tax Difference : नए साल लगते ही टैक्स बचाने के चक्कर में लोग लग गए हैं। कंपनियों के द्वारा निवेश प्रूफ मांगा जा रहा है ताकि कमाई पर टैक्स की गणना की जा सके। आपने देखा होगा कि आपकी सैलरी का भुगतान टीडीएस कटने के बाद किया जाता है। इसके बाद भी आपको इनकम टैक्स का रिटर्न भरना होता है।

New WAP

क्या होता है Tds & Income Tax Difference

ऐसे में कई लोगों के दिमाग में यह सवाल आता है कि क्या टीडीएस और इनकम टैक्स अलग-अलग चीज होती है। क्या एक ही कमाई पर आपको दोनों का भुगतान करना होगा।

इस बारे में टैक्स एक्सपोर्ट और CA प्रशांत जैन ने कहा कि टीडीएस यानी स्रोत पर कर कटौती आपकी कमाई के सोर्स पर काटा जाता है। यह 10 फ़ीसदी का दर से फिक्स किया जाता है। इनकम टैक्स आपकी कुल कमाई पर लगने वाले टैक्स होता है जो सैलरी से इतर भी कमाते होंगे। इनकम टैक्स की गणना तब से शुरू होती है जब पैसा आपके खाते में आ चुका होता है।

प्रशांत जैन ने कहा कि आपकी सैलरी पर कंपनी पहले ही टीडीएस काटकर भेज रही है तो खाते में आए पैसों पर दोबारा टैक्स नहीं भरना होगा। आपकी कंपनी ने पहले ही खाते पर पैसे काट कर इनकम टैक्स विभाग को जमा कर दिए हैं।

New WAP

यह भी पढ़ें : अभी और बढ़ेगी ठंड, इन राज्यों में बारिश के साथ पड़ेगा बहुत घना कोहरा, चार राज्यों में बनेगी गंभीर कोल्ड डे की स्थिति

इसी बात की पुष्टि के लिए और अपने ऊपर टैक्स देनदारी का सही आकलन करने के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भर जाता है। आपकी सैलरी पर इसके बाद इनकम टैक्स नहीं देना होता है।

जानिए कब देना होता है दोनों टैक्स

जानकारों का कहना है कि टीडीएस काटने के बाद आपकी सैलरी तो टैक्स फ्री हो जाती है लेकिन अगर अपने निवेश से कोई डिविडेंड या ब्याज कमाया है तो आपके सेविंग अकाउंट पर जो ब्याज मिला है उसे पर टैक्स देना होगा। यह टेक्स अपनी स्लैब के हिसाब से लिया जाता है। इसके अलावा आपकी स्लैब और टीडीएस के बीच जो अंतर आएगा उसका भी आपको भुगतान करना होगा।


Share on