IAS Success Story : कहा जाता है अगर मां से मेहनत की जाए तो कोई भी रास्ता मुश्किल नहीं होता। इंसान अगर चाहे तो किसी भी हाल में सफलता हासिल कर सकता है और हर मुश्किल से लड़ सकता है। यही बात साबित कर दिखाई है राजस्थान के रवी मोहन सैनी ने। हर साल लाखों की संख्या में अभ्यर्थी यूपीएससी की परीक्षा देते हैं लेकिन इसमें सफल कुछ ही अभ्यर्थी हो पाते हैं।
IAS Success Story में पढ़ें रवी मोहन सैनी की कहानी
आज हम आपको राजस्थान के रहने वाले रवि मोहन सैनी के बारे में बता रहे हैं। उन्होंने आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में नोबल पब्लिक स्कूल से पढ़ाई पूरी की उसके बाद साल 2001 में कक्षा 10 में उन्होंने जूनियर केबीसी में भाग लिया। 2001 में वह केबीसी को जीते।
MBBS के बाद शुरू की थी यूपीएससी की परीक्षा
12वीं के बाद उन्होंने महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई की। एमबीबीएस की पढ़ाई बेहद मेहनत वाली थी लेकिन एमबीबीएस की पढ़ाई के बाद वह इस फील्ड में आगे नहीं बढ़े और यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने तैयारी के लिए कोई कोचिंग नहीं लिया। 2012 में जब उन्होंने यूपीएससी का एग्जाम दिया तब वह मांस का एग्जाम पास नहीं कर पाए थे।
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2014 में आईएएस ऑफिसर बने थे रवि मोहन सैनी
2013 में भारतीय डाक में लिखा और ब्रिज सेवाओं के लिए उन्हें चुना गया और 2014 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर ऑल इंडिया में उन्होंने 461 सी रैंक पाई और आईपीएस बन गए। 2001 में जब वह केबीसी में शामिल हुए थे तब उन्होंने 15 प्रश्नों का सही उत्तर दिया और एक करोड रुपए जीत लिया।