फिल्मी दुनिया से जुड़े कलाकारों के कई मामले अब तक कोर्ट के सामने आए हैं लेकिन सबसे ज्यादा चर्चाओं में रहने वाला मामला बॉलीवुड किंग खान कहे जाने वाले शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान का रहा है बता दें कि 28 दिन जेल की सलाखों के पीछे रहने के बाद भी आर्यन खान अपनी यादों को नहीं भुला पा रहे हैं और वे लगातार अकेले ही अपने घर में समय व्यतीत करते हैं ऐसे में उनको लेकर उनके परिवार वाले काफी ज्यादा चिंतित हैं।
वहीं दूसरी और इस मामले को काफी समय बीत चुका है लेकिन जैसे जैसे दिन निकल रहे हैं के बाद एक राज और निकल कर सबके सामने आ रहे हैं। जब तक आर्यन खान अपने दोस्तों के साथ जेल में बंद थे तब तक तो लगभग सारे इल्जाम उन्हीं पर ही लगाए जा रहे थे। लेकिन अब जैसे ही आर्यन खान और उनके दोस्तों को जमानत मिली है जिसके बाद से ही यहां पासा पलटता हुआ नजर आ रहा है बता दें कि अब कई लोगों पर अपनी इमेज को चमकाने के आरोप भी लगे हैं।
इनमें एनसीबी के जाने-माने अधिकारी समीर वानखेडे का नाम भी सामने आ रहा है इससे पहले समीर वानखेडे को लेकर कई बड़े खुलासे हो चुके हैं। जिसके बाद से ही वह लगातार चर्चाओं का विषय बने हैं आज पेपर की हर हेडलाइन में समीर वानखेडे का नाम छाया हुआ है। जब से आर्यन खान की गिरफ्तारी हुई है उसके बाद से ही सबसे ज्यादा चर्चा में एनसीबी के जोनल अधिकारी समीर वानखेड़े रहे हैं। आर्यन खान ड्रेस मामले में गिरफ्तारी को लेकर समीर वानखेड़े की अहम भूमिका रही है।
बता दें कि इस पूरे मामले को लेकर हाल ही में मुंबई कोर्ट द्वारा आर्डर पेश किया गया था। जिसमें स्पष्ट रूप से कोर्ट का कहना था कि इस पूरे मामले में ऐसा कुछ भी बड़ा नहीं मिला है। जो यह स्पष्ट कर सके की आर्यन खान और उनके दोस्त रेव पार्टी के दौरान नशीले पदार्थ को लेकर कुछ बड़ा प्लान कर रहे थे कोर्ट का यह भी कहना था कि सभी वहां पर यात्रा करने के लिए पहुंचे थे। नाही आरोपियों का मेडिकल करवाया गया ताकि यहां मालूम हो सके कि उन्होंने नशीले पदार्थ का सेवन किया था या नहीं किया था।
अब आर्यन खान की जमानत के बाद लगातार याद सवाल सामने आ रहे हो कि क्या इस पूरे मामले में आर्यन खान को फंसाने का काम किया गया है? या फिर आर्यन खान को मोहरा बनाकर अपनी इमेज को लोगों के सामने चमकाने का काम किया गया? सवाल तो याद ही उठता है कि जिस तरह से 25 करोड़ रुपए को लेकर हवाएं चली थी तो क्या यह पूरा मामला पैसों की लेनदेन पर निर्भर था? सवाल तो यहां भी उठते हैं कि क्रूज पर रेप पार्टी हुई भी थी या फिर ये पूरी साजिश का हिस्सा था? इस पूरे मामले में जोनल अधिकारी समीर वानखेड़े की भी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है!
यह सभी तरह के सवाल मुंबई हाई कोर्ट द्वारा इस पूरे मामले को दिए गए अपनी तरफ से जवाब के बाद पैदा होते हैं बता दें कि”जस्टिस नितिन सांब्री” ने इस मामले जानकारी देते हुए कहा है कि आर्यन खान और अरबाज मर्चेंट जो कि पहले और दूसरे एप्लीकेंट है एक साथ में सफर कर रहे थे और दोनों एक दूसरे को अच्छे से जानते दोनों दोस्त हैं वहीं तीसरी एप्लीकेंट जोकि मुनमुन है। वह भी क्रूज पर सफर कर रही थी। उनका कहना है कि तीनों के बीच में ऐसा कोई भी कनेक्शन सामने निकलकर नहीं आया है और ना ही व्हाट्सएप चैट से ऐसे कोई खास सबूत मिल पाए हैं अरबाज और मुनमुन के पास बहुत कम मात्रा में नशीला पदार्थ होता है।
ना ही इनके पास से बड़ी मात्रा में कोई ऐसा नशीला पदार्थ नहीं मिला है। जिससे यह साबित हो सके कि सभी किसी साजिश के तौर पर क्रूज रेव पार्टी में पहुंचे थे। बॉम्बे हाई कोर्ट की तरफ से जारी किए गए इस बयान के बाद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के द्वारा पेश किए गए दावे कोरे साबित हो रहे हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट के अनुसार जो कहा गया है उससे यह स्पष्ट होता है क्रूज रेव पार्टी ना तो हुई है ना ही ये सभी वहा किसी साजिश के हिसाब से पहुचे। कोर्ट के अनुसार किसी के पास से कुछ ऐसा सामान बरामद नहीं हुआ है जो एमसीबी की बातों पर मोहर लगाएं।
उल्टा खुद नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो सवालों के घेरे में है क्योंकि जिस तरह से उन्होंने आर्यन खान की व्हाट्सएप चैट को लेकर कई बड़े दावे किए थे। एनसीबी ने अनुसार क्रूज रेव पार्टी के बात सभी को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की कस्टडी में रखा गया। सभी से गहरी पूछताछ की गई इसके बाद सभी के मोबाइल फोन को भी जप्त कर लिया गया लेकिन तब तक किसी भी तरह की कोई व्हाट्सएप चैट को लेकर जानकारी नहीं थी। लेकिन जब सभी को कोर्ट के सामने पेश किया गया उसके बाद से ही व्हाट्सएप चैट की खबरें तेजी से सामने आने लगी थी और एनसीबी ने दावा किया था कि उन्हें बड़ा सबूत मिला है।
इतना ही नहीं एनसीबी ने तो इस व्हाट्सएप चैट को हाई प्रोफाइल बना दिया था उन्होंने यहां तक दावा किया था कि इस चैट से यह स्पष्ट हो रहा है कि आर्यन खान के तार विदेशी ड्रग्स माफिया तक जुड़े हुए हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुंबई हाई कोर्ट ने इस मामले को पहली ही नजर में खारिज कर दिया क्योंकि उन्हें ऐसा कुछ इस मामले में मिला ही नहीं जिसके आधार पर सभी को आरोपी साबित किया जा सके। “हाईकोर्ट के जस्टिस नितिन साम्ब्रे” ने 14 पन्नों का बेल ऑर्डर पेश किया है।
जिससे यह स्पष्ट होता है कि आर्यन खान और उनके दोस्तों के पास से ऐसा कुछ भी नहीं मिल पाया है जिसकी वजह से यह कहा जा सके कि सभी किसी बड़ी साजिश के हिस्सेदार हैं। इस बैल ऑर्डर में कई पहलुओं पर बड़ी बातें की गई है जो यह स्पष्ट करती है कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पास में ऐसा कोई भी सबूत मौजूद नहीं था जिसके आधार पर आर्यन खान को 25 दिनों तक जेल की सलाखों के पीछे रहना पड़ा था।