UPI Payment Rule : आज के समय में ज्यादातर लोग यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं लेकिन इससे जुड़े कई तरह के नियम के बारे में लोगों को पता नहीं होता है। UPI के नियम में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। घाटी ग्राहकों के लिए पेमेंट करने से लेकर रिसीव करने तक के नियम में बदलाव किए गए हैं।
साल 2024 में UPI Payment Rule में होगा बदलाव
साल 2024 में UPI Payment Rule के अंतर्गत यूपीआई ट्रांजैक्शन की संख्या में बढ़ोतरी की बात कही जा रही है। सरकार के द्वारा इसको लेकर कई तरह के फैसले भी लिए जा रहे हैं। यूपीआई नियमों को लेकर लगातार नए फैसले लिए जा रहे हैं। अभी कुछ समय पहले ही ट्रांजैक्शन लिमिट को बढ़ाने को लेकर एक बदलाव किया गया।
अब आप अस्पताल शैक्षणिक संस्थानों में ₹500000 तक का पेमेंट कर पाएंगे जबकि पहले यह पेमेंट ₹100000 तक था। इसका मकसद संस्थाओं और यूजर्स दोनों को फायदा देना है। ऐसे लोगों को काफी फायदा होने वाला है।
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National payments Corporation of India ने सेकेंडरी मार्केट के लिए यूपीआई प्रस्तुत किया है। अभी यह अपने बीटा स्तर में है और सेकेंडरी मार्केट में इसके लिए यूपीआई कई महीनो में मदद करेगी। इसके आने के बाद निवेश करना काफी आसान हो जाएगा और ट्रेडिंग सेटलमेंट इसकी मदद से काफी आसान हो जाएगी। क्योंकि सिंगल-ब्लॉक-मल्टीपल-डेबिट फैसिलिटी पर काम कर रहा है इससे ग्राहकों को ट्रांसपेरेंसी और फुल कंट्रोल मिलेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यूपीआई सुरक्षा को बढ़ाने के लिए नए नियम बनाएं है ताकि नए उपयोगकर्ता के साथ कोई दुर्घटना नहीं हो। ऐसे यूजर्स जो पहली बार यूपीआई पेमेंट कर रहे हैं, उनके लिए 2000 रुपये तक की पेमेंट के लिए 4 घंटे का कूलिंग पीरियड दिया जा रहा है। इस दरमियान यूजर ट्रांजेक्शन को लेकर किसी भी तरह का बदलाव बेहद आसानी से कर सकता है।