किसी ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि मशहूर गायक अजय पाठक और उसके परिवार के लिए साल 2019 आखिरी होगा। वही बृहस्पतिवार के दिन जैसे ही आसपास के लोगों को पता चला कि गायक अजय उसकी पत्नी और बेटी वसुंधरा की हत्या कर दी गई है और बेटा भागवत गायब है। इस सनसनीखेज वारदात से इलाके में दहशत फैल गई। पुलिस के अनुसार हत्यारोपी हिमांशु उस रात को अपने गुरु जी के घर भी सोया था। उसने अपने गुरु के घर पर खाना खाया और फिर गुरु के पैर दबाए। इस दौरान उसने अपने गुरु समेत परिवार के चार सदस्यों का कत्ल कर दिया। इसके बाद आरोपी ने चारों के शव को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया। लेकिन वह अपने मिशन में फेल हो गया। पुलिस के मुताबिक अजय पाठक पर हिमांशु के 60 हजार रुपए चाहिए थे। मांगने पर वह उसे बेइज्जत करते थे। वारदात वाली रात को भी यही हुआ और उसने पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया। शामली में आदर्श मंडी थाना क्षेत्र में पंजाबी कॉलोनी में मंगलवार शाम को भजन गायक अजय पाठक, पत्नी स्नेह और बेटी वसुंधरा का खून से लथपथ शव उनके मकान में मिले थे। तीनों की धारदार हथियार से काट हत्या की गई थी। बेटा भागवत और कार गायब मिली थी। मंगलवार देर रात में हरियाणा में पानीपत के निकट अजय की कार जली अवस्था में मिली। उसमें उसके बेटे भागवत का शव भी जली हालत में बरामद हुआ था। बुधवार को सुबह से ही चारों शव आने के इंतजार में लोग उनके आवास पर पहुंचने शुरू हो गए थे।
शहर की पंजाबी कॉलोनी में भजन गायक अजय पाठक, उनकी पत्नी और बेटी की अर्थी एक साथ उठी तो पूरा शहर रो पड़ा। परिजन और महिलाओं के करुण क्रंदन से माहौल गमगीन हो गया। अर्थी को कंधा देने के लिए लोग उमड़ पड़े। श्मशान घाट में एक साथ तीन चिताएं जलती देख लोग अपने आंसुओं को नहीं रोक पाए। दोपहर तक लोगों की भारी भीड़ कॉलोनी में पहुंच चुकी थी। दोपहर को पोस्टमार्टम के बाद अजय पाठक, उसकी पत्नी और बेटी का शव एंबुलेंस से घर पहुंचा तो कोहराम मच गया। इसके बाद एक अर्थी पर अजय पाठक और उसकी पत्नी का और दूसरी अर्थी पर बेटी वसुंधरा की शव यात्रा शुरू हुई। तो समाज के हर वर्ग के लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। लोग उनकी अर्थी को कंधा देने में आगे आते रहे। रेलवे लाइन के निकट टंकी रोड स्थित श्मशान घाट में शव यात्रा पहुंची। एक चिता पर पति पत्नी और दूसरी और बेटी की चिता एक साथ जली तो लोग अपने आंसुओं को नहीं रोक पाए। गमगीन माहौल में मृतक अजय के भतीजे रवि पाठक ने दोनों चिंताओं को मुखाग्नि दी।
श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के समय महिलाएं भी बड़ी संख्या में पहुंचीं। एक साथ एक परिवार के तीन सदस्यों की चिता जलती देख महिलाएं रोती रहीं। श्मशान घाट में छत पर भी लोगों की भीड़ रही तो श्मशान घाट के बाहर रेलवे लाइन के किनारे भी काफी संख्या में लोग मौजूद रहे। बुधवार को परिजन और कॉलोनीवासी एक साथ परिवार के चारों सदस्यों का अंतिम संस्कार करना चाहते थे। उम्मीद थी कि दोपहर तक पानीपत से भी अजय के बेटे भागवत का शव भी शामली पहुंच जाएगा। पुलिस भी परिजनों को यह जानकारी दे रहे थे। लेकिन दोपहर में जब पता चला कि भागवत के शव को पोस्टमार्टम व डीएनए टेस्ट आदि के लिए रोहतक भेजा गया है। इसके बाद शव देर रात में पहुंचेगा। इसके बाद अजय उसकी पत्नी और बेटी के शव का अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया गया।
पंजाबी कॉलोनी में पाठक परिवार के चारों सदस्यों की हत्या करके आरोपी ने भागवत का शव कार की डिग्गी में डाल दिया था। उसे लेकर व यूपी, हरियाणा और दिल्ली के हाइवे तक घूमता रहा। कई पुलिस थाने और चौकियां रास्ते में ही आई लेकिन कहीं भी पकड़ा नहीं गया। शामली से मेरठ की तरफ, वहां से मुड़ कर दिल्ली और पानीपत तक रास्ते में यूपी दिल्ली हरियाणा राज्य है। तीनों राज्यों में कई हाईवे भी आरोपी ने पार किये। कई टोल बैरियर भी पड़े, लेकिन रास्ते में उसकी कार को किसी ने रोका नहीं। कहीं भी उसकी चेकिंग नहीं हुई। पाठक परिवार की हत्या करने के बाद आरोपी द्वारा बालक का शव कार में डालकर तीन राज्यों में घूमने के बावजूद कहीं पर भी ना पकड़े जाने पर पुलिस की सतर्कता पर भी सवाल उठ रहे हैं। आखिर कहां रही पुलिस की चेकिंग किसी भी चौकी अथवा थाने की पुलिस चेकिंग में आरोपी को पकड़ा क्यों नहीं? मीडिया कर्मियों ने भी जब हिमांशु से पूछा तो उसने बताया कि रास्ते में कई थाने चौकी और टोल मिले। लेकिन उसकी कहीं चेकिंग नहीं हुई ऐसे में पुलिस की सतर्कता और चेकिंग व्यवस्था पर भी सवाल उठता है। आरोपी घटनास्थल से कार लेकर निकला और धीमानपूरा बाईपास की तरफ से गया था। वहां भी पुलिस तैनात रहती है, पुलिस आए दिन वाहनों की चेकिंग और सतर्कता का दंभ भरती है लेकिन यह सिर्फ कागजी ही नजर आते हैं।
इस घटना के बाद पुलिस को इस संबंध में विचार करना होगा। अंतिम संस्कार के समय सांसद प्रदीप चौधरी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इमरान मसूद, पूर्व विधायक राजेश्वर बंसल, योगेंद्र सिंह, दीपक सैनी, अनुराग शर्मा, रविशंकर, नरेंद्र अग्रवाल, सलिल द्विवेदी, सुरेंद्र आर्य, महेश धीमान, अशोक गर्ग, राजन बत्रा, रमन बत्रा, पवन तरार, हरवीर मलिक, सुनील जाटव, पूर्व आईजी विजय गर्ग, मनजीत सिंह, पूर्व चेयरमैन अरविंद संगल, अजय सिंघल, अंकित गोयल, घनश्याम दास गर्ग, सत्येंद्र धीरयान, निशिकांत मंगल, अनिल उपाध्याय, पंकज गुप्ता, पुनीत द्विवेदी, डॉ विपिन कौशिक, सुनील आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।