रक्षाबंधन भाई और बहन के प्यार का प्रतीक माना जाता है। रविवार को देशभर में रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन बहन अपने भाई की लंबी उम्र के लिए रक्षा सूत्र धागा बांधेगी। भाई बहन के पवित्र प्यार के प्रतीक राखी से पहले एक दिलचस्प कहानी हम आपको दिखाने जा रहे है जिसे पड़ने के बाद आप हैरान रह जायेंगे।
वो कहते है ना भाई अपनी बहन की खुशी के लिए कुछ भी कर सकता है। और बहन भी अपने भाई के लिए चाहे जो कुछ कर सकती है। ऐसी ही भाई और बहनों के अटूट प्रेम की एक अनोखी मिसाल दो बहनों ने पेश की है । इन बहनों ने अपने भाई की जिंदगी बचाने के लिए अपनी जिंदगी दांव पर लगा दी है। राखी से पहले जिन्होंने अपने भाई को आधा-आधा लिवर देकर जान बचाई है। इस गिफ्ट को भाई कभी भी भूल नही पायेगा।
दरअसल ये मामला यूपी के बदायूं का है, जहां रहने वाले अक्षत की गुड़गांव के एक निजी अस्पताल में पिछले दिनों सर्जरी हुई थी। वहीं अस्पताल के अधिकारियों ने दावा किया कि यह ‘‘किसी बच्चे में देश का पहला ऐसा यकृत प्रतिरोपण है, जिसमें दो लोगों ने अंगदान किया है’’। राखी से पहले अक्षत और उसकी बहनों नेहा और प्रेरणा से जब मीडिया से बात की तो इस बात की जानकारी दी है। इस दौरान मेदांता अस्पताल के कुछ डॉक्टर भी थे, जहां जुलाई महीने में यह सर्जरी हुई थी।
वहीं इस मामले को लेकर अस्पताल के चेयरमैन अरविंद सोइन ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि मेरी जिंदगी में इस तरह का पहला केस था। जिसमें एक साथ तीनों भाई बहनों को एक साथ ले जाना बहुत मुश्किल हो रहा था। इस बीच डॉक्टर ही नहीं उनके माता पिता के लिए भी परीक्षा का समय था।
अस्पताल के डॉक्टरों का कहना था कि मरीज करीब एक महीने से ज्यादा बीमार था। वहां कौमा से पूर्व की स्थिति में था वहीं उसका वजन भी कम हो गया था जिसकी वजह से उसका ऑपरेशन करना मुश्किल हो रहा था उसका वजन भी 92 किलोग्राम हो गया था।
वहीं अक्षत की बहनों का वजन कम था इसलिए आधा-आधा लिवर दिया गया। वहीं बहनें सर्जरी के बाद तेजी से स्वास्थ्यलाभ प्राप्त कर रहे हैं और करीब एक महीने बाद अब सामान्य जीवन जी रहे हैं। बता दें कि राखी से पहले दो बहनों का अपने भाई को इस तरह का तोहफ़ा देना । एक तरह की मिसाल बनी हुई है। वहीं इस समय ये सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रही है।