Ram Mandir Specialty : इंजीनियरिंग का कमाल बिना लोहे और सीमेंट के बना दिया रामलाल का भव्य मंदिर, जानिए खासियत

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Ram Mandir Specialty : राम मंदिर उद्घाटन की घड़ी पास आ रही है। धूमधाम से जनवरी के महीने में रामलला के मंदिर का उद्घाटन होगा और रामलाल का प्राण प्रतिष्ठा किया जाएगा। राम मंदिर के निर्माण में विज्ञान का अहम भूमिका है।

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क्या है Ram Mandir Specialty

राम मंदिर के निर्माण विज्ञान की मदद से अनोखे तरीके से किया जा रहा है। विशेषज्ञ वैज्ञानिकों और कई एजेंसियों की मदद इस मंदिर को बनाने में लिया जा रहा है और यह बात भी तय किया जा रहा है कि हजारों साल तक यह मंदिर ऐसा ही रहे।

हजारों वर्षों तक ऐसा ही रहेगा मंदिर

रामलाल का मंदिर परिसर 71 एकड़ जमीन में बनाई गई है जबकि मंदिर को 8 एकड़ जमीन में बनाया गया है। मंदिर को इस तरीके से बनाया जा रहा है कि वह कम से कम 1000 साल तक ऐसे ही खड़ा रहे। इस मंदिर में विज्ञान ने अनोखा कमाल किया है।

मंदिर के लिए 400 फुट लंबी और 300 फुट चौड़ी नई बनाई गई है और जमीन में 14 मीटर की गहराई वाली चट्टान डाली गई है और यही मंदिर की बुनियाद है। जिस पर मंदिर हजारों साल तक खड़ा रहेगा। सूत्रों की माने तो 1000 साल तक यह मंदिर ऐसे ही खड़ा रहेगा।

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मंदिर की नई कैसी हो यह सबसे बड़ी चुनौती थी और इसके लिए अलग-अलग एक्सपर्ट्स की राय ली गई। लंबे समय तक इसका परीक्षण किया गया और अलग-अलग स्तर पर टेस्टिंग की गई। 50 फीट गहरी खुदाई के बाद तय किया गया कि कृत्रिम चट्टान तैयार किए जाएं और इसमें आईआईटी चेन्नई आईआईटी दिल्ली आईआईटी गुवाहाटी आईआईटी मुंबई आईआईटी मद्रास नित सूरत आईआईटी खड़गपुर के अलावा csir यानी की Council of scientific and Industrial Research, Central building Research Institute की मदद ली गई है।

नहीं होगा किसी भी प्राकृतिक आपदा का असर

टाटा ग्रुप के इंजीनियर ने भी इस मंदिर के निर्माण में अनोखा भूमिका निभाया है। मंदिर में लगे इंजीनियरों की माने तो राम मंदिर हजारों साल तक ऐसा ही बना रहेगा चाहे तूफान आए या भूकंप या फिर कुछ भी हो जाए राम मंदिर पर आपदाओं का असर नहीं होगा। इसे वैज्ञानिक तरीकों से तैयार किया गया है।

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राम मंदिर के निर्माण में आधुनिक दौर के हिसाब से प्राचीन सभ्यता और पुरातन तकनीक की मदद ली गई है। राम लाल जी जगह पर रहेंगे वहां पर रामनवमी के दिन सूर्य की किरणों से उनका अभिषेक किया जाएगा। श्री राम मंदिर का गर्भ ग्रह एक और वजह से खास होगा और आदित्य होगा। हर्षल रामनवमी के दिन दोपहर ठीक 12:00 सूर्य की किरणें गर्भ गृह में विराजमान श्री राम की मूर्ति पर पड़ेगी।


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