श्रीलंका के बाद भारत के इस पड़ोसी देश की बिगड़ी आर्थिक स्थिति, केंद्रीय बैंक को उठाने पड़े ये बड़े कदम

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भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका की आर्थिक स्थिति दिन-ब-दिन काफी ज्यादा खराब होती जा रही है। बता दें कि हालात यह हो गए हैं कि कर्फ्यू तक लगाना पड़ गया है। इतना ही नहीं श्रीलंका की हालात को देखते हुए भारत ने भी श्रीलंका के मदद की है। इतना ही नहीं दूसरे देश भी श्रीलंका की आर्थिक स्थिति को देखते हुए हर संभव मदद कर रहे हैं। ऐसे में अब एक और चौंकाने वाली खबर सामने आई है।

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Nepal financial crises

बता दें कि हाल ही में खबरें सामने आई है कि भारत के पड़ोसी देश नेपाल की भी आर्थिक स्थिति पहले की अपेक्षा थोड़ी डगमग आती हुई नजर आ रही है। देश की हालिया स्थिति को देखते हुए। नेपाल की केंद्रीय बैंक ने बड़ी घोषणा करते हुए उन वस्तुओं पर रोक लगा दी है जिनकी अभी किसी भी प्रकार की कोई जरूरत नहीं है। बता दें कि बैंक द्वारा यह रोक हद से ज्यादा लग्जरी और महेंगी वस्तुओं के आयात पर लगाई गई है।

नेपाल के केंद्रीय बैंक ‘नेपाल राष्ट्र बैंक’ मैं इतना बड़ा फैसला लेने से पहले उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी जिसमें हालिया स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया था कि महंगी और हद से ज्यादा लग्जरी वस्तुओं के आयात पर फिलहाल रोक लगा दी जाएगी। दरअसल, इसके पीछे का कारण है कि लगातार नेपाल की विदेशी मुद्रा में कटौती देखी जा रही है। इतना ही नहीं बाजार में नकदी की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है।

Nepal's Prime Minister Sher Bahadur Deuba

वहीं एनआरबी के प्रवक्ता गुणाखार भट्ट ने इस बड़े फैसले को लेने को लेकर अपनी ओर से बयान जारी करते हुए बताया है कि देश में बढ़ रहे आयात की वजह से यहां स्थिति पैदा हो रही है। उन्हें आने वाले समय में अर्थव्यवस्था डगमगाने के संकेत मिल रहे हैं? ऐसे में उनके द्वारा या फैसला लिया गया है कि आयात को काफी हद तक कंट्रोल किया जाएगा और उन वस्तुओं पर रोक लगा दी जाएगी जिनकी अभी कोई भी जरूरत नहीं है।

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि निर्यात और पर्यटन से होने वाली कमाई में लगातार कमी और आयात में बढ़ोतरी के चलते विदेशी मुद्रा में कटौती देखने को मिली है जिसकी वजह से देश की अर्थव्यवस्था डगमगाती हुई नजर आ रही है। देश में यह स्थिति साल 2021 के बाद से पैदा हुई है। हाल ही में जारी हुई फरवरी 2022 की रिपोर्ट के अनुसार विदेशी मुद्रा का भंडारण नेपाल में 17% से घटकर 9.75 अरब डॉलर ही रह गया है।

खबरों के अनुसार यहां आंकड़ा जुलाई 2021 में 11.57 अरब डॉलर था। देश की हालिया स्थिति को देखते हुए नेपाल के वित्त मंत्री जनार्दन शर्मा ने इस बात की भी जानकारी साझा की है कि उनका देश की स्तिथि श्रीलंका जैसी नहीं होगी क्योंकि वे श्रीलंका की राह पर नहीं है। लेकिन लगातार श्रीलंका के बिगड़ते हालातों के बीच नेपाल की आर्थिक स्थिति को लेकर आने वाली यह खबर काफी चौंकाने वाली है।


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