जनसंख्या के मामले में दूसरे नंबर पर आने वाला भारत देश अपनी यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा मात्रा में ट्रेनों का इस्तेमाल करते हैं बता दें कि देश में ट्रेनों का बहुत बड़ा जाल बिछा हुआ है आज एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए लोग ट्रेन को ही सबसे अच्छा माध्यम मानते हैं इतना ही नहीं ट्रेन के माध्यम से लोगों की दिनचर्या से जुड़े सामानों का भी आवागमन आसानी से किया जाता है।

बता दें कि समय के साथ-साथ भारतीय रेलवे अपने नियमों में लगातार बदलाव करने की कोशिशों में लगे रहते हैं। ताकि यात्रियों की यात्रा को आरामदायक बना सके इतना ही नहीं रेल के माध्यम से और भी कई सुविधा लोगों को दी जा सके इसी क्षेत्र में अब भारतीय रेलवे एक और बेहतर सेवा देने के लिए विचार बना चुका है। इसका पायलट प्रोजेक्ट भी चालू कर दिया गया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में लोकसभा में इस बात की जानकारी दी है कि भारतीय रेलवे द्वारा अब डोर-टू-डोर पार्सल डिलीवरी देने की भी पहल चालू कर दी गई है। इसका पायलट प्रोजेक्ट प्रगति पर है। दरअसल, भारतीय रेल और भारतीय डाक द्वारा मिलकर ‘संयुक्त पार्सल उत्पाद’ (JPP) का निर्माण किया जा रहा है। इस नई शुरुआत से डोर टू डोर पार्सल डिलीवरी में तेजी देखने को मिलेगी।

इतना ही नहीं JPP पूर्ण रुप से चालू होने के बाद डाक विभाग द्वारा फर्स्ट-माइल और लास्ट-मील की सेवा दी जाएगी। इतना ही नहीं डाक विभाग और रेलवे के सहयोग से इस कनेक्टिविटी को स्टेशन टू स्टेशन जोड़ा जाएगा। JPP के पायलट प्रोजेक्ट को सफल होने के बाद यह सुविधा व्यवसाय से ग्राहक और व्यवसाय से व्यवसाय में देखने को मिलेगी। आसान भाषा में समझा जाए तो जो भी व्यक्ति अब अपना पार्सल भेजेगा उसे डोर टू डोर देने की जिम्मेदारी रेलवे उठाने वाला है।
बता दें कि इस क्षेत्र में डाक विभाग और भारतीय रेलवे ने अपने कदम भी रखती है हैं और पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत सूरत से वाराणसी के 31 मार्च 2022 से ही चालू कर दी गई है। इस पूरे प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ने कहा है कि JPP ये पूरी योजना बना ली गई है। जिसके माध्यम से सेंडर द्वारा भेजे गए पार्सल की डोर टू डोर डिलीवरी की जाएगी। इतना ही नहीं JPP द्वारा बुकिंग से लेकर पार्सल की डिलीवरी सुविधा मुहैया करवाई जाएगी।